ग्वालियर. आगरा-मुंबई हाईवे (NH-3) किनारे बसा ग्वालियर का बदनापुरा गांव एक बार फिर बदनाम हुआ है। रविवार सुबह पुलिस ने यहां छापा मारकर यहां से 6 लड़कियों को छुड़ाया है। जिनकी उम्र 10 से 16 साल के बीच है। ग्वालियर-मुरैना बॉर्डर पर बसा यह गांव कम उम्र की लड़कियों की खरीद-फरोख्त के लिए बदनाम है। ग्वालियर समेत अन्य कई शहरों से लापता लड़कियां भी यहां से कई बार मिली हैं। यहां से पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी और बांग्लादेश बॉर्डर तक लड़कियों को बेचने की बातें सामने आ चुकी हैं। कभी इस रेडलाइट एरिया की लड़कियों को ट्रेनिंग देकर मुंबई के डांस बार भी भेजा जाता था। ये काम यहां रहने वाले बेड़िया जनजाति के लोग कराते हैं। इनका मुख्य पेशा ही वेश्यावृत्ति है। मूलरूप से यहां के लोगों का नेटवर्क राजस्थान से जुड़ा है। राजस्थान में बेड़िया समाज के लोग काफी संख्या में हैं। बदनापुरा से ही लगे रेशमपुरा गांव में भी इस तरह की एक्टिविटी में बेड़िया समाज एक्टिव रहता है। बदनापुर गांव ग्वालियर के पुरानी छावनी इलाके में है। इससे पहले जब भी पुलिस ने गांव में एंट्री की, तो लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा था। कुछ दिन पहले मुरैना के आश्रम से गायब नाबालिग की लोकेशन भी यहीं मिली थी। इस पर मुरैना पुलिस दबिश देने पहुंची, तो गांव के लोगों ने पुलिस पर पथराव कर दिया था। जिसके बाद रविवार को पुलिस ने पूरी तैयारी के साथ बदनापुरा में छापा मारा। 150 से ज्यादा पुलिस ऑफिसर्स और जवानों की टीम ने इलाके के एक-एक घर को सर्च किया। पुलिस जब गांव पहुंची तो गांव के लोग सहमे खड़े रहे। हालांकि बाद में इलाके के पार्षद पीसी शर्मा ने जरूर विरोध जताया। उनका कहना था कि पुलिस ने आज तड़के कार्रवाई की। 10 से 12 लोगों को उठाया है, लेकिन बता नहीं रही है। बदनापुरा ग्वालियर के वार्ड 5 में आता है।
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