जयपुर. देश में हर साल स्वच्छता सर्वेक्षण हो रहा है और इंदौर लगातार छठीं बार नंबर वन आया है। जयपुर और इंदौर शहर दोनों में क्षेत्रफल और जनसंख्या के हिसाब से ज्यादा बड़ा अंतर नहीं है, लेकिन उसके बाद भी जयपुर देश के सबसे साफ 20 शहरों की सूची में शामिल नहीं हो सका है। जबकि यहां न तो संसाधनों की कमी है और न ही बजट की। कर्मचारियों की फौज है। लेकिन स्थिति ये है कि शहर सफाई के मामले में आगे बढ़ने के बजाए पीछे जाता जा रहा है। जो शहर में 4 साल पहले तक ओपन कचरा डिपो फ्री हो गया था आज उस शहर में जगह-जगह फिर से ओपन कचरा डिपो दिखने लगे है और उन पर कचरे के ढेर सड़ रहे है। विशेषज्ञों की माने तो नगर निगम जयपुर के इस फैलियर के पीछे सबसे बड़ा कारण यहां हावी होती राजनीति है। इसके कारण न तो कर्मचारी-अधिकारी अपनी जिम्मेदारी निभा रहे है और न जनप्रतिनिधि। इंदौर : नगर निगम का करीब 530 वर्ग किलोमीटर के एरिया में 23 लाख की आबादी है। यहां हर रोज औसतन 1200 टन से भी ज्यादा कचरा प्रतिदिन निकलता है।
जयपुर : नगर निगम ग्रेटर-हैरिटेज में 467 वर्ग किलेामीटर के एरिया में 30.75 लाख की आबादी है। यहां हर रोज औसतन 1500 टन कचरा प्रतिदिन निकलता है।
All Rights Reserved & Copyright © 2015 By HP NEWS. Powered by Ui Systems Pvt. Ltd.