नई दिल्ली. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सर-कार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने रविवार को एक कार्यक्रम में देश में बढ़ती बेरोजगारी, गरीबी और आय में बढ़ती असमानता पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि बेरोजगारी खत्म करने के लिए सरकार को जल्द से जल्द प्रयास करने चाहिए। हालांकि, होसबाले ने कहा कि इस चुनौती से निपटने के लिए पिछले कुछ वर्षों में कई कदम उठाए गए हैं। होसबाले ने कहा कि भारत की शीर्ष एक प्रतिशत आबादी के पास देश की आय का पांचवां (20%) हिस्सा है। साथ ही देश की 50% आबादी के पास देश की आय का केवल 13 प्रतिशत हिस्सा है। वहीं, बाकी 50% लोगों के पास 87% इनकम है, जो सही नहीं है। होसबाले ने संघ से जुड़े स्वदेशी जागरण मंच (SGM) द्वारा आयोजित एक वेबिनार में कहा- हमें इस बात का दुख होना चाहिए कि 20 करोड़ लोग गरीबी रेखा से नीचे हैं और 23 करोड़ लोग प्रतिदिन 375 रुपए से भी कम कमा रहे हैं। गरीबी हमारे सामने राक्षस जैसी चुनौती है। यह महत्वपूर्ण है कि इस दानव को खत्म किया जाए। RSS नेता ने कहा कि गरीबी के अलावा असमानता और बेरोजगारी, दो चुनौतियां हैं जिनसे निपटने की आवश्यकता है। देश में 4 करोड़ बेरोजगार हैं, जिनमें ग्रामीण क्षेत्रों में 2.2 करोड़ और शहरी क्षेत्रों में 1.8 करोड़ बेरोजगार हैं। श्रम बल सर्वेक्षण में बेरोजगारी दर 7.6 प्रतिशत बताई गई है। हमें रोजगार पैदा करने के लिए न केवल सेंट्रल लेवल पर बल्कि लोकल लेवल पर भी स्कीम बनाने की आवश्यकता है। 2020 में अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक में दत्तात्रेय होसबाले को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) का सर-कार्यवाह चुना गया था। सर-कार्यवाह का पद संघ प्रमुख मोहन भागवत के बाद संगठन में नंबर दो का है। RSS में संघ प्रमुख की भूमिका मुख्य तौर पर मार्गदर्शक की होती है। संगठन का सारा कामकाज सर-कार्यवाह ही देखते हैं।
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