हैदराबाद: तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) का नाम बदलकर 'भारत राष्ट्र समिति' (बीआरएस) कर दिया गया है. ऐसा इस लिए किया गया है ताकि राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं को देश भर में प्रदर्शित किया जाएगा ताकि इसे (पार्टी को) राष्ट्रीय ताकत के रूप में उभरने में मदद मिल सके. बुधवार को दशहरा के दौरान आयोतजित कार्यक्रम में सत्ताधारी दल के नेता केसीआर ने यह घोषणा की. टीआरएस अध्यक्ष और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव के बुधवार को विजयादशमी के मौके पर पार्टी के लिए नए नाम की घोषणा करने की उम्मीद पहले ही जताई जा रही थी. नाम बदलने की कवायद और इसके 'तेलंगाना सुशासन मॉडल' को पेश करके लोगों तक पहुंचने की योजना, राष्ट्रीय राजनीति में प्रवेश करने और भाजपा से प्रभावी रूप से निपटने के लिए पार्टी के प्रयासों का हिस्सा है. टीआरएस की आम सभा की बैठक बुधवार को यहां पार्टी मुख्यालय 'तेलंगाना भवन' में हुई. इसमें नाम परिवर्तन को प्रभावी बनाने वाला एक प्रस्ताव पारित किया गया. जन प्रतिनिधित्व अधिनियम और प्रासंगिक नियमों के मुताबिक इस परिवर्तन के बारे में चुनाव आयोग को अवगत कराया जाएगा. सूत्रों ने कहा कि नाम परिवर्तन के बारे में निर्वाचन आयोग को ई-मेल और बाद में व्यक्तिगत रूप से छह अक्टूबर को सूचित किया जाएगा. ऐसा लगता है कि भारत राष्ट्र समिति का नाम इस इरादे से चुना गया था कि यह तेलुगु के साथ-साथ हिंदी में सभी को समझ में आए. मालूम हो कि उन्होंने कहा कि यह नाम पहले ही देश भर के लोगों के पास जा चुका है. पार्टी अध्यक्ष केसीआर आज दोपहर तेलंगाना भवन में होने वाली आम सभा की बैठक में नाम परिवर्तन पर प्रस्ताव पेश करेंगे. 283 सदस्यों ने सर्वसम्मति से स्वीकृति दी. केसीआर दोपहर 1.19 बजे प्रस्ताव पर हस्ताक्षर करेंगे. वह सदस्यों द्वारा पारित प्रस्ताव पर बयान देंगे. कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री, जेडीएस नेता कुमारस्वामी, तमिलनाडु वीसीके पार्टी के अध्यक्ष, सांसद थिरुमावलवन और अन्य लोग विशेष आमंत्रित के रूप में बैठक में शामिल होंगे.
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