अमेरिका ने अब ताइवान में चीन से निपटने की तैयारी बेहद तेजी से शुरू कर दी है। अमेरिकी रक्षा विभाग यानी पेंटागन के अफसर ताइवान में हथियारों का जखीरा जुटा रहे हैं और इसके लिए बड़े-बड़े डिपो तैयार किए जा रहे हैं। यह जानकारी अमेरिकी अफसरों ने ही दी है। जुलाई में ताइवान ने मिलिट्री एक्सरसाइज की थी। अमेरिका ने इसे बहुत बारीकी से मॉनिटर किया। इस दौरान उन बातों का खास तौर पर ध्यान रखा गया जो चीन के साथ जंग में भारी पड़ सकती हैं। अमेरिकी मिलिट्री अफसरों के मुताबिक- अगर चीन किसी वक्त ताइवान पर हमला करता है और उसे घेर लेता है तो इन हालात में ताइवान की फौज के पास हथियार तब तक नहीं पहुंच सकते, जब तक अमेरिका या कोई दूसरा देश रिस्क लेकर इन्हें नहीं पहुंचाता। दूसरे शब्दों में ताइवान चारों तरफ से न सिर्फ घिर जाएगा, बल्कि बाकी दुनिया से भी कट जाएगा। इसी परेशानी से निपटने के लिए अमेरिका ने ताइवान में हथियारों के डिपो तैयार करने शुरू कर दिए हैं। कुछ तो तैयार हो भी गए हैं। इसके लिए अमेरिकी वेपन प्रोडक्शन कंपनियां बड़े पैमाने पर जरूरी हथियार बना रही हैं। पेंटागन के अफसर अब तक यह अनुमान नहीं लगा पाए हैं कि अगर अमेरिका ने ताइवान की इसी तरह मदद जारी रखी तो चीन क्या एक्शन लेगा। प्रेसिडेंट जो बाइडेन ने पिछले महीने कहा था- अगर ताइवान पर हमला हुआ तो अमेरिका उसकी हिफाजत और मदद दोनों करेगा। बाइडेन की बात का जवाब चीन के फॉरेन मिनिस्टर वांग यी ने दिया था। वांग ने कहा था- अमेरिका हालात को बहुत हल्के में ले रहा है। ताइवान को हर तरह के हथियार दिए जा रहे हैं और चीन की इस पर पैनी नजर है। चीन की नेवी ने अगस्त में ताइवान की समुद्री सीमा के पास एक्सरसाइज की थी। इस दौरान उसने बैलेस्टिक मिसाइल भी टेस्ट किए थे। इनमें से चार तो ताइवान के ऊपर से निकले थे।
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