जयपुर. राजस्थान में इस बार मानसून जमकर बरसे। देरी से एंट्री के बाद भी प्रदेशभर में जमकर हुई बारिश ने अधिकांश बांधों को भर दिया है। इस 3 महीने की बरसात ने पीने के पानी के लिए 2 साल की टेंशन को मिटा दिया है। ऐसे में 1.10 करोड़ की आबादी के लिए अप्रैल 2024 तक पीने के पानी की व्यवस्था पूरी हो चुकी है। इसके अलावा किसानों के लिए ये मानसून अच्छा रहा। इस साल 1.59 लाख हैक्टेयर से ज्यादा रकबा में खरीफ की फसल बोई गई। यह अब तैयार होकर बाजार में आने लग गई। इसमें ज्वार, बाजरा, मक्का, मूंग, ग्वार समेत अन्य फसलें शामिल हैं। ग्वार, बाजरा और ज्वार की बंपर पैदावार हुई है। मौसम केन्द्र से जारी इस मानसून सीजन की रिपोर्ट देखें तो राज्य में 1 जून से 30 सितम्बर तक 595.9MM बारिश हुई। यह 435.6MM औसत बारिश से 37 फीसदी ज्यादा है। ये पिछले 10 साल में किसी भी सीजन में सर्वाधिक बारिश का रिकॉर्ड है। राजस्थान में मानसून की एंट्री 30 जून को हुई और तब से अब तक 300 बांध इस सीजन में फुल हो चुके हैं। जल संसाधन विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश में 716 बांध हैं, जिसमें से 303 बांध फुल हो चुके हैं, जबकि 208 बांध ऐसे हैं, जो आंशिक रूप से भरे हैं। 205 बांध इस बार मानसून सीजन में सूखे रह गए। जयपुर, अजमेर जिले की करीब 1 करोड़ से ज्यादा आबादी पानी के लिए बीसलपुर बांध पर निर्भर है। इस बार ये बांध अगस्त के आखिरी में सप्ताह में भर गया, जिसके बाद से इस बांध के गेट खोलकर पानी छोड़ना पड़ा। इस सीजन बीसलपुर बांध के गेट लगातार 40 दिन खुले रहे। 26 अगस्त को बांध के गेट खोलकर पानी छोड़ना शुरू किया था, जो 4 अक्टूबर देर शाम बंद हुए। इस बांध में कुल 1095.84 मिलियन क्यूबिक मीटर (एमक्यूएम) पानी है। इससे जयपुर, अजमेर के अलावा टोंक के कुछ हिस्सों में अप्रैल 2024 तक पीने के पानी की सप्लाई की जा सकती है।
All Rights Reserved & Copyright © 2015 By HP NEWS. Powered by Ui Systems Pvt. Ltd.