नई दिल्ली: भारत में चीता परिचय, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने कुनो राष्ट्रीय उद्यान, मध्य प्रदेश और अन्य उपयुक्त नामित क्षेत्रों में चीता परिचय की निगरानी के लिए 9 सदस्यीय टास्क फोर्स का गठन किया. इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 सितंबर को कहा था कि लोगों को धैर्य दिखाना होगा और कुनो नेशनल पार्क में चीतों को देखने के लिए कुछ महीने इंतजार करना होगा क्योंकि उन्हें पार्क को अपना घर बनाने के लिए समय चाहिए. पीएम मोदी ने एक वीडियो संदेश ट्वीट कर कहा था कि लोगों को धैर्य दिखाना होगा और इन चीतों को कुनो नेशनल पार्क में देखने के लिए कुछ महीनों तक इंतजार करना होगा. ये चीता इस क्षेत्र से अनजान, मेहमान के रूप में आए हैं. उनके लिए कुनो राष्ट्रीय उद्यान को अपना घर बनाने में सक्षम होने के लिए, हमें इन चीतों को कुछ महीनों का समय देना होगा. उन्होंने कहा था कि अंतरराष्ट्रीय दिशानिर्देशों का पालन करते हुए, भारत इन चीतों को बसाने की पूरी कोशिश कर रहा है. हमें अपने प्रयासों को विफल नहीं होने देना चाहिए. हाल ही में, प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को मध्य प्रदेश के कुनो नेशनल पार्क में नामीबिया से लाए गए चीतों को एक विशेष बाड़े में छोड़ा. नामीबिया से लाए गए चीतों को भारत में प्रोजेक्ट चीता के तहत पेश किया जा रहा है, जो दुनिया की पहली अंतर-महाद्वीपीय बड़े जंगली मांसाहारी ट्रांसफर परियोजना है. प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम स्थल पर चीता मित्र, चीता पुनर्वास प्रबंधन समूह और छात्रों के साथ भी बातचीत की. इस अवसर पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए, प्रधान मंत्री ने उन मुट्ठी भर अवसरों पर प्रकाश डालते हुए आभार व्यक्त किया जो मानवता को अतीत को सुधारने और एक नए भविष्य का निर्माण करने का मौका देते हैं. पीएम मोदी ने कहा कि दशकों पहले जैव विविधता की जो सदियों पुरानी कड़ी टूट कर विलुप्त हो गई थी, आज हमारे पास इसे बहाल करने का मौका है. आज चीता भारत की धरती पर लौट आया है
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