नानी की हत्या कर शव को दीवार में छुपाने वाले मां-बेटे को पुलिस ने किया गिरफ्तार

बेंगलुरु: कर्नाटक पुलिस ने पांच साल पहले राजधानी में पांच साल पहले हुई बूढ़ी महिला शांताकुमारी की हत्या के मामले को आखिरकार सुलझा लिया है. पुलिस ने हत्या करने वाले पीड़िता के नाती और बेटी को गिरफ्तार कर लिया है. हालांकि पुलिस ने मामला दर्ज होने से पहले आरोपियों की जांच के लिए विभिन्न टीमों का गठन किया, लेकिन वे मामले के तीसरे आरोपी को ही पकड़ पाये. अबतक पुलिस मुख्य आरोपी को नहीं खोज पाई थी. केंगेरी पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर वसंत के नेतृत्व में टीम ने मामले को फिर से चुनौती के रूप में लिया. इस बार पुलिस ने शशिकला (46) और उसके बेटे संजय (26) को कोल्हापुर, महाराष्ट्र से गिरफ्तार किया. केंगेरी सैटेलाइट बरंगे में एक मकान में मारी गई 69 वर्षीय शांताकुमारी अपनी बेटी शशिकला और नाती संजय के साथ रहती थी. शशिकला एक हाउसवाइफ थी जिसके पति की कई साल पहले मौत हो चुकी थी. बेटा संजय एक निजी कॉलेज में एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग के तीसरे सेमेस्टर का छात्र था. वह प्रतिभाशाली था और उसने एसएसएलसी और पीयूसी में 90% से अधिक अंक प्राप्त किए. पढ़ाई में आगे रहने वाले संजय किसी से ज्यादा बात नहीं करते था. अगस्त 2016 में कॉलेज की छुट्टियों के दौरान संजय शांताकुमारी के घर आया. किसी बात उसकी अपनी नानी से कहासुनी हो गई और संजय ने रसोई धर में लाठियों से उनके सिर पर वार कर दिया. गंभीर रक्तस्राव के कारण घर पर ही शांताकुमारी की मौत हो गई. शशिकला को पता चला कि उसके बेटे संजय ने उसकी मां को मार डाला है तो वह पुलिस सूचना देना चाहती थी. लेकिन संजय ने उससे कहा कि पुलिस को बताने पर उसे जेल हो जायेगी और उसका पूरा जीवन बरबार हो जायेगा. इस पर शशिकला ने चुप रहने का इरादा कर लिया. फिर संजय ने कुंबलागोडी निवासी अपने दोस्त नंदीश को घर बुलाया. तीनों ने मिलकर शव को घर की आलमारी में छिपा दिया. बाद में, उन्होंने घर के अंदर एक दीवार खोदी और उसमें शव को डाल कर उसे सीमेंट से प्लास्टर किया. फिर उसे रंग दिया. कुछ महीनों के बाद, वह शहर जाने के बहाने से मकान छोड़ कर भाग गया. बाद में मकान मालिको घर का दिवार देख कर कुछ गड़बड़ होने की आशंका हुई तो उन्होंने तुरंत तत्कालीन इंस्पेक्टर गिरिराज को इसकी जानकारी दी. उन्होंने बताया कि इस घर में रहने वाले मां-बेटा छह महीने से गायब हैं. पुलिस मौके पर पहुंची और घर की तलाशी ली. तो उन्हें खून में लिपटी हुई साड़ी और संजय द्वारा छोड़ा गया मोबाइल फोन मिला. कॉल डिटेल की जांच की गई तो नंदीश का मोबाइल नंबर मिला. उसकी निशानदेही पर पहुंची पुलिस टीम ने नंदीश को गिरफ्तार कर पूछताछ किया तो पता चला कि संजय ने बुढ़िया की हत्या कर शव को दीवार में गाड़ दिया था. आरोपित के बयान के आधार पर जब दीवार खोदकर उसकी जांच की गई तो वृद्धा के अवशेष मिले. बुढ़िया की हत्या के बाद मां-बेटा मालिक के घर भाग गये थे. कुछ दिन दोनों आरोपी अपने गृहनगर शिमोगा में रहे बाद में वह महाराष्ट्र के कोल्हापुर में छिपे हुए थे. संजय एक स्थानीय होटल में सप्लायर का काम करता था और उसकी मां क्लीनर का काम करती थी. हत्या को अंजाम देने वाले और छिपे हुए आरोपियों की पुलिस ने काफी तलाश की, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. पुलिस के अनुसार, कोल्हापुर में छिपे मां-बेटे को एक गुप्त सूचना के आधार पर गिरफ्तार किया गया था, जो उन्हें चुनौती लेने और तकनीकी जांच करने के बाद मिली थी.

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