नई दिल्ली. दिल्ली सरकार के मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन पर विजयादशमी के दिन दिल्ली में बौद्ध सम्मेलन में हिंदू देवी-देवताओं को न मानने की शपथ दिलाने का आरोप है। भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने इसका वीडियो शेयर करके मंत्री की बर्खास्ती की मांग की थी। बताया गया है कि राजेंद्र पाल गौतम के बयान पर अरविंद केजरीवाल ने भी नाराजगी जताई थी। राजेन्द्र पाल गौतम आम आदमी पार्टी के दलित नेता हैं। वे दिल्ली की सीमापुरी सीट से विधायक हैं। केजरीवाल सरकार में उनके पास सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता, अनुसूचित जाति/जनजाति, रजिस्ट्रार ऑफ को-आपरेटिव सोसाइटीज मंत्रालय की जिम्मेदारी थी। उन्होंने अपने इस्तीफे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा- BJP के खिलाफ लड़ता रहूंगा। वे मेरे नाम पर केजरीवाल को टारगेट कर रहे थे। अपने नेता पर मैं आंच नहीं आने दूंगा। मंत्री राजेंद्र पाल ने 5 अक्टूबर को हुए इस इवेंट के बारे में जानकारी देते हुए ट्वीट किया, 'चलो बुद्ध की ओर मिशन जय भीम बुलाता है। आज मिशन जय भीम के तत्वावधान में अशोका विजयादशमी पर डॉ. अंबेडकर भवन रानी झांसी रोड पर 10,000 से ज्यादा बुद्धिजीवियों ने तथागत गौतम बुद्ध के धम्म में घर वापसी कर जाति विहीन व छुआछूत मुक्त भारत बनाने की शपथ ली। नमो बुद्धाय, जय भीम!।' यह दीक्षा कार्यक्रम जय भीम मिशन ने किया था, जिसमें 10 हजार से ज्यादा लोग आए थे। भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने आरोप लगाया था कि आम आदमी पार्टी (AAP) ने मुफ्त सामान देकर गरीब हिंदुओं का धर्म परिवर्तन कराया है। AAP धर्म परिवर्तन कराने वाली एजेंसी बन गई है।
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