दिल्ली: कर्नाटक हिजाब विवाद मामले पर सुप्रीम कोर्ट अपना अंतिम फैसला नहीं सुना पाया है. सुप्रीम कोर्ट के दोनों ही जजों की राय इस मामले पर अलग-अलग थी. जिसके बाद मामले को बड़ी बेंच को सौंप दिया गया है. अब हिजाब मामले की सुनवाई तीन जजों की बेंच करेगी. सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस गुप्ता ने बताया कि हमारे अलग विचारों के चलते मामला चीफ जस्टिस के पास भेज रहे हैं, ताकि वह बड़ी बेंच का गठन करें. वहीं, उन्होंने इस याचिका के खिलाफ अपना फैसला दिया, वहीं जस्टिस धूलिया की राय अलग थी. बेंच में शामिल दोनों जजों की राय अलग-अलग है. जहां जस्टिस हेमंत गुप्ता ने हिजाब बैन को सही ठहराया है. वहीं, जस्टिस सुधांशु धूलिया ने कर्नाटक हाईकोर्ट के बैन जारी रखने के आदेश को रद्द कर दिया. ऐसे में अब इस मामले को 3 जजों की बड़ी बेंच में भेजा गया है. जस्टिस सुधांशु धूलिया ने कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को गलत बताया. उन्होंने कहा कि हिजाब पहनना या न पहनना, ये पसंद का मामला है. लड़कियों की शिक्षा बहुत जरूरी है, खासकर ग्रामीण इलाकों में. जस्टिस धूलिया ने कहा कि धार्मिक प्रधाओं का मुद्दा विवाद के समाधान के लिए जरूरी नहीं था, वहां हाईकोर्ट ने गलत रास्ता अपनाया. ये अनुच्छेद 15 के बारे में था, ये पसंद की बात थी, इससे ज्यादा और कुछ नहीं. उन्होंने हिजाब पर लगे प्रतिबंध को हटाने का आदेश दिया. अब ये पूरा मामला चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया के पास जाएगा. अब वही फैसला लेंगे कि अब इस मामले पर फैसला लेने के लिए नई बेंच बनाई जाए या फिर मामले को बड़ी बेंच के पास भेजा जाए. जस्टिस हेमंत गुप्ता ने कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर सभी 26 याचिकाओं को खारिज कर दिया. जस्टिस गुप्ता ने कहा कि मेरी राय अलग है. मैंने अपने आदेश में 11 सवाल तैयार किए हैं. पहला तो यही है कि क्या इस अपील को संविधान बेंच के पास भेजा जाना चाहिए?
All Rights Reserved & Copyright © 2015 By HP NEWS. Powered by Ui Systems Pvt. Ltd.