तिरुवनंतपुरम: एर्नाकुलम जिले के पेरुंबवूर के मूल निवासी मोहम्मद शफी ने केवल छठी कक्षा तक पढ़ाई की. नबीसा से शादी की, वह 2 लड़कियों का पिता और 3 साल की बच्ची का दादा है. उसने कई काम किए: ड्राइवर से लेकर मैकेनिक तक. वह हाल ही में कोच्चि में एक मध्यवर्गीय होटल चला रहा था, जहां वह अपने शिकार चुनता था. मुख्य रूप से ऐसी असहाय महिलाएं उसका शिकार होतीं, जो अपने परिवारों से ज्यादा संपर्क में नहीं रहती थीं. उसके खिलाफ 2020 में एक 75 वर्षीय महिला से दुष्कर्म के मामले में मुकदमा चल रहा है. कोच्चि में पुथेनक्रूज पुलिस ने 3 अगस्त, 2020 को इस मामले में पहली एफआईआर दर्ज की और 17 अक्टूबर, 2020 को आरोप पत्र दायर किया. उसके खिलाफ मामला तब दर्ज किया गया था, जब वह ट्रक चालक था. शफी पर आरोप है कि उसने बुजुर्ग महिला का बेरहमी से बलात्कार किया था और चाकू से उसके गुप्तांगों पर हमला भी. एलंथूर में दोहरे ‘मानव बलि’ मामले के मुख्य आरोपी 52 वर्षीय मोहम्मद शफी उर्फ रशीद के अपराध की कहानी कमजोर दिल वालों के लिए नहीं हो सकती. कोच्चि शहर के पुलिस आयुक्त एच नागराजू ने मंगलवार को मीडिया को इस दोहरे हत्याकांड के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा, ‘हमें पता चला है कि दोनों महिलाओं के शरीर पर घाव के निशान एक ही जगह पर मिले हैं, जिनकी हत्या जाहिर तौर पर मानव बलि के रूप में की गई.’ पुलिस के अनुसार शफी जिन्हें अपना शिकार बनाता है, पहले उनसे दोस्ती करता है और उसने 3 साल पहले इस दोहरे हत्याकांड में सह-आरोपी जोड़े के साथ रिश्ता बनाना शुरू किया था. नबीसा के अनुसार शराब की लत शफी की सभी समस्याओं की जड़ है. वह कहती है कि शराब की वजह से शफी रास्ता भटक गया. वह आदतन शराब पीने वाला था और घरवालों को परेशान करता था. नबीसा के मुताबिक, शफी उसका सेलफोन और फेसबुक अकाउंट भी इस्तेमाल कर रहा था. अब यह सामने आया है कि शफी ने भगवल सिंह के साथ रिश्ता बनाने के लिए फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट का इस्तेमाल किया. उसने प्रोफाइल पिक्चर में श्रीदेवी की तस्वीर लगा रखी थी, और भगवल सिंह को आश्वस्त किया कि वह उसे आर्थिक समृद्धि दिला सकता है. भगवल को झटका तब लगा, जब उसे पता चला कि असली श्रीदेवी कौन है, जब शफी को हिरासत में लिया गया. गिरफ्तारी से कुछ दिन पहले मोहम्मद शफी ने अपने दोस्त मुहम्मद बिलाल को फंसाकर पुलिस को गुमराह करने की भी कोशिश की थी. इस 26 वर्षीय ऑटोरिक्शा चालक को दो दिनों तक पुलिस थाने में रहना पड़ा, क्योंकि शफी ने पुलिस को बताया था कि महिलाओं के अपहरण के पीछे बिलाल का हाथ था. शफी ने पुलिस को बताया था कि बिलाल 26 सितंबर को रेंट पर उसकी स्कॉर्पियो कार का इस्तेमाल कर रहा था, जब अधिकारियों ने सीसीटीवी में पीड़िता पद्मा को गाड़ी में बैठते हुए देखा. इस मामले में मोहम्मद शफी के खिलाफ पर्याप्त सबूत मिलने के बाद पुलिस ने मुहम्मद बिलाल को जाने दिया.
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