नई दिल्ली. गुरुवार को जब विराट कोहली ने 1020 दिन के बाद दुबई क्रिकेट स्टेडियम में अपने करियर का 71वां शतक लगाया, तब उनके मन में कुछ ऐसे ही ख्याल आ रहे होंगे। फरीद मलिक की गेंद को विराट ने डीप-मिडविकेट के ऊपर से छह रनों के लिए भेजकर अपना शतक पूरा किया तो पूरा हिंदुस्तान एशिया कप से बाहर होने के गम को भूलाकर खुशी से झूम उठा। 70वें शतक से 71वें शतक का इंतजार 72 मैचों का था। उन्होंने इस दौरान 26 अर्धशतक जड़े। इसके बाद उनके शतकों का सूखा खत्म हुआ। इस खराब दौर में विराट कोहली 9 बार अपना खाता भी नहीं खोल पाए। हालांकि, विराट के आलोचक इस शतक के बाद भी चुप नहीं हुए और कहने लगे कि अफगानिस्तान के खिलाफ शतक आया है। एशिया कप से बाहर होने के बाद शतक आया है। इसका कोई मतलब नहीं है। ये बेमतलब की सेंचुरी है। वो अब चाहें जो भी कहें, लेकिन वो रिकॉर्ड बुक से विराट की 71वीं सेंचुरी को मिटा नहीं सकते। अफगानिस्तान के खिलाफ मैच में टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा नहीं खेले। ऐसे में विराट को ओपनर बनने का मौका मिला। शुरुआत से ही वो अलग ही अंदाज में नजर आए। पहले ही गेंद से अटैक। जो विराट मैदान पर उतरने के बाद पहले कुछ देर समय लेते थे, वो आते ही बड़े-बड़े शॉट लगाने लगे। ऐसा लगा मानों उनके अंदर क्रिस गेल की रूह आ गई है। 122 रन बनाने के लिए किंग कोहली ने सिर्फ 61 गेंद लिए। इस दौरान उनके बल्ले से 12 चौके और 6 छक्के निकले। उनका स्ट्राइक रेट 200 का रहा। कोहली ने टेस्ट में अब तक 27, वनडे में 43 और टी-20 में एक शतक लगाया है। इस शतक के साथ कोहली ने ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग के अंतरराष्ट्रीय शतकों के रिकॉर्ड की बराबरी कर ली। पोंटिंग ने इंटरनेशनल करियर में 71 शतक लगाए थे। टेस्ट में उन्होंने 41 और वनडे में 30 शतक लगाए। पोंटिंग ने इसके लिए 668 पारियां खेली थीं।
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