नई दिल्ली. पाकिस्तान स्थित श्री करतारपुर साहिब में बुधवार को एक भाई अपनी बहन से पहली बार मिला। सिख भाई और मुस्लिम बहन को लिपटकर फूट-फूटकर रोते देख वहां मौजूद सभी लोगों की आंखें भर आईं। जब इनकी कहानी लोगों को पता चली तो वह और भावुक हो गए। यह परिवार 1947 के बंटवारे में बिछड़ गया था। 65 साल की कुलसुम पाकिस्तान के फैसलाबाद में रहती हैं। उनका परिवार 1947 के बंटवारे में जालंधर छोड़कर पाकिस्तान आ गया था। कुलसुम ने बताया- वह बंटवारे के दस साल बाद पाकिस्तान में ही पैदा हुईं। उनके माता-पिता ने बताया था कि- बंटवारे के दौरान उनके भाई और बहन जालंधर में ही छूट गए थे। जब भी मां को अपने लापता बच्चों की याद आती, तो वह बहुत रोती थीं। उन्होंने कहा कि उम्मीद नहीं थी कि वह कभी अपने भाई और बहन से मिल पाएंगी। कुलसुम ने बताया कि कुछ साल पहले उनके पिता के एक दोस्त सरदार दारा सिंह भारत से पाकिस्तान आए और उनसे मिले। मां ने उन्हें भारत में खोए अपने बेटे और बेटी के बारे में बताया और अपने गांव का पता भी दिया। पाकिस्तान से भारत लौटकर सरदार दारा सिंह ने जालंधर के पडावां गांव में उनके घर का दौरा किया और लापता बच्चों के बारे में जानकारी दी। सरदार दारा सिंह ने उनकी मां को बताया कि उनका बेटा जीवित है और एक सिख परिवार के साथ रह रहा है, जबकि उनकी बेटी की मौत हो चुकी है।
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