जयपुर. जयपुर के सांगानेरी गेट महिला चिकित्सालय में अस्पताल प्रशासन की गलती से डिलीवरी के बाद बदले बच्चे आखिर 10 दिन बाद मां के पास पहंचे। डीएनए टेस्ट से पता चला कि निशा के बेटा हुआ था। वहीं, रेशमा के बेटी हुई थी। पूरे मामले में लालकोठी थाना पुलिस की ओर से करवाई गई DNA जांच रिपोर्ट में बच्चों के परिवार की पुष्टि हुई है। दोनों बच्चों को शनिवार देर रात करीब 11 बजे पुलिस की मौजूदगी में परिजनों के सुपुर्द कराकर अस्पताल से घर भेज दिया गया। बता दें कि रेशमा के पहले से 2 लड़कियां हैं, यह तीसरी लड़की जन्मी है। जबकि निशा का पहले से एक लड़का है। उसके दूसरा लड़का हुआ है। महिला चिकित्सालय में 1 सितंबर को निशा और रेशमा के डिलीवरी के दौरान अस्पताल स्टाफ की लापरवाही के चलते बेटा और बेटी की अदला बदली हो गई थी। जिसमें निशा को लड़की और रेशमा को लड़का दे दिया गया। 3 दिन बाद अस्पताल प्रशासन ने गलती सुधारने की कोशिश की। दोनों बच्चों के माता-पिता को बुलाकर ब्लड ग्रुप की रिपोर्ट के आधार पर अदला-बदली होने की बात सामने आई। लेकिन परिजनों को हॉस्पिटल प्रशासन की बात पर विश्वास नहीं हुआ। उन्होंने फिर से बदलकर बच्चे लेना स्वीकार नहीं किया। अस्पताल की लापरवाही से हुए इस बदलाव के बाद विवाद इतना बढ़ गया कि प्रशासन को बच्चों के माता-पिता को संतुष्ट करने के लिए उनका DNA टेस्ट करवाना पड़ा। जिसकी रिपोर्ट आने के बाद पता चला अस्पताल का शक सही था। यह महिला चिकित्सालय में इस तरह का पहला मामला है, जिसे सुलझाने के लिए डीएनए टेस्ट करवाना पड़ा।
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