गोरखपुर. गोरखपुर से बड़ा मामला सामने आया है। GDA यानि गोरखपुर विकास प्राधिकरण पर फर्टिलाइजर की करोड़ों रुपए की जमीन बेचने का आरोप लगा है। आरोप है कि 'आवासीय योजना' के तहत GDA ने शास्त्रीनगर के पास 20 डिसमिल जमीन की ऑनलाइन बोली लगवाई। इसके बाद अलग-अलग प्लाट बेच दिया। प्लाट लेने वाले जब निर्माण कराने गए तो फर्टिलाइजर प्रशासन ने उनका विरोध किया। ऐसे में अब पब्लिक और फर्टिलाइजर प्रशासन आमने सामने आ गए हैं। जमीन खरीदने वाले नवनीत पांडेय ने बताया कि दो साल पहले क्रासिंग के किनारे करीब 20 डिसमिल जमीन पर GDA ने 'आवासीय योजना' के तहत विज्ञापन निकाला था। उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण की वजह से उस समय ऑनलाइन बोली प्लाट की लगाई गई। 40 वर्ग मीटर का एक EWS का प्लाट था। नवनीत ने बताया कि ऑनलाइन बोली 10 लाख से शुरू हुई। 13 लाख 12 हजार पर एक EWS प्लाट मुझे मिल गया। जिसकी किश्त मैने 8 महीने में पूरी जमा कर दी। अभी एक महीने पहले किश्त पूरी हुई तो GDA ने प्लाट की मेरे नाम से रजिस्ट्री भी कर दी। अब जब उस प्लाट पर कुछ लोगों ने मटेरियल गिरवाकर निर्माण कराना शुरू किया तो फर्टिलाइजर प्रशासन ने आपत्ति कर दी।
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