चेन्नई: तमिलनाडु के चेंगलपट्टू जिले से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है. यहां के सुनामबेडु सरकारी अस्पताल के एक ड्यूटी डॉक्टर ने सोमवार (19 सितंबर) को वीडियो कॉल के जरिए एक डिलीवरी कराई. जिसके चलते नवजात की मृत्यु हो गई. सरकारी डॉक्टर ने नर्सों को वीडियो कॉल के जरिए प्रसव कराने के निर्देश दिए थे.जानकारी के अनुसार सुनामबेडु की पुष्पा (33) गर्भवती थी और सुनामबेडु के सरकारी अस्पताल में उसकी नियमित जांच हो रही थी. सोमवार को उसे बच्चे की डिलीवरी होनी थी. इसके लिए पुष्पा अपने पति मुरली के साथ अस्पताल गई थी. उस समय, डॉक्टरों ने उन्हें घर जाने और प्रसव पीड़ा होने पर वापस आने के लिए कहा. बाद में दोपहर में उन्हें प्रसव पीड़ा होने लगी और पुष्पा को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन अस्पताल में कोई डॉक्टर मौजूद नहीं था, इसलिए वहां उपस्थित नर्सें ही उस महिला को संभाल रही थीं. पुष्पा की अंतिम स्कैन रिपोर्ट में प्रसव के समय जटिलताएं होने की जानकारी सामने आई, लेकिन बिना किसी सूचना के नर्सों ने अस्पताल में खुद ही नॉर्मल डिलीवरी करने का फैसला किया. शाम करीब 6 बजे उन्होंने देखा कि बच्चे का सिर उल्टा था और उसके पैर पहले बाहर निकल आए, जिससे प्रक्रिया जटिल हो गई. वे घबरा गईं और जल्द ही वीडियो कॉल (Delivery by video call) के जरिए ड्यूटी डॉक्टर से संपर्क किया. फिर डॉक्टर ने नर्सों को निर्देशित किया कि बच्चे के सिर को कैसे बाहर निकाला जाए. हालांकि, कई बार कोशिश करने पर भी नर्सें असफल रहीं और पुष्पा को एम्बुलेंस में मदुरंतगाम जीएच भेज दिया गया, लेकिन इससे पहले कि वे दूसरे अस्पताल पहुंच पाते, बच्चे का सिर बाहर आ चुका था और बच्चे की मृत्यु हो चुकी थी. सुनामबेडु के ग्रामीणों में यह खबर फैलते ही वे अस्पताल के सामने जमा हो गए और डॉक्टर व नर्सों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर प्रदर्शन किया. मौके पर पहुंचे पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि डॉक्टर और नर्सों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी.
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