इंदौर के शासकीय लॉ कॉलेज में धार्मिक कट्टरता फैलाने और अनुशासनहीनता के मामले में जांच कमेटी कॉलेज पहुंची है। कमेटी प्रोफेसर और छात्रों के बयान लेगी। कॉलेज में आईडी कार्ड के बगैर एंट्री नहीं दी जा रही है। कैंपस में ABVP के छात्र नेता मौजूद हैं। प्रो. नरेंद्र देव को कॉलेज के प्राचार्य का प्रभार सौंपा गया है। गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा, विवादास्पद किताब ‘सामूहिक हिंसा एवं दाण्डिक न्याय पद्धति’ की लेखिका डॉ. फरहत खान की पीएचडी की उपाधि वापस लेने की कार्रवाई होगी। इसके लिए संबंधित विभाग को लिखा जाएगा। लेखिका और प्रकाशक की गिरफ्तारी के लिए टीमें गठित कर दी गई हैं। बताया गया कि लेखिका डॉ. फरहत फरार हो गई हैं। पुलिस उनके घर पहुंची तो दरवाजे पर ताला लटकता मिला। बताया जा रहा है कि लेखिका रविवार रात को ही घर से गई हैं। इधर, एक लॉ स्टूडेंट का कहना है कि कॉलेज SC-ST के बच्चों में जहर घोलने का काम कर रहा है। किताब में लिखा है कि दलित वर्ग और मुस्लिम वर्ग वो दोनों ठीक हैं। हिंदुओं में जो उच्च कोटि के हैं वो खराब हैं। कॉलेज की लाइब्रेरी में भी विवादित किताब मिली है, इसमें हिंदू को आतंकवादी बताया गया है। बता दें, छात्राओं ने धर्म विशेष के प्रोफेसरों पर गंभीर आरोप भी लगाए हैं। उनका आरोप है कि प्रोफेसर्स लड़कियों को बाहर घुमाने, मूवी दिखाने और पब जाने के लिए दबाव बनाते हैं। कॉलेज में लव जिहाद को बढ़ावा दिया जा रहा है। पुलिस ने शासकीय नवीन लॉ कॉलेज के छात्र लक्की आदिवाल की शिकायत के बाद तत्कालीन प्राचार्य डॉ. इनामुर्रहमान, टीचर मिर्जा मोजिज बेग, किताब की लेखिका डॉ. फरहत खान और प्रकाशक अमर लॉ पब्लिकेशन के खिलाफ गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया है। ये धाराएं गैर जमानती है। केस दर्ज होने के बाद पुलिस अब आरोपियों की तलाश में जुट गई है। सोमवार को भंवरकुआं पुलिस की टीम लेखिका डॉ. फरहत खान के श्रीनगर कांकड़ स्थित घर पर पहुंची थी, जहां वे नहीं मिलींं। लेखिका का मोबाइल भी बंद है। पुलिस लेखिका की लोकेशन का पता लगा रही है।
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