दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात दंगों की पीड़िता बिलकिस बानो की नई पीठ गठित कर जल्द सुनवाई वाली याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया है। बुधवार को पीड़िता के वकील ने मामले की सुनवाई के लिए नई पीठ के गठन की जरूरत पर जोर दिया था। इस पर CJI ने कहा कि याचिका को सूची में शामिल किया जाएगा। एक ही बात का जिक्र बार-बार न करें। यह बहुत परेशान करने वाला है। बिलकिस ने अपनी याचिका में गैंगरेप और हत्या के मामले के 11 दोषियों को सजा में छूट देने के फैसले को चुनौती दी है। इससे पहले मंगलवार को, सुप्रीम कोर्ट की जज न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी ने याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था। हालांकि, उन्होंने ऐसा करने की वजह नहीं बताई है। मामले की सुनवाई कर रही जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस बेला माधुर्य त्रिवेदी की पीठ ने कहा कि मामला किसी दूसरी बेंच को सौंप दीजिए। बिलकिस ने गैंगरेप के 11 दोषियों की रिहाई पर फिर से सुप्रीम कोर्ट में ये याचिकाएं दाखिल की गई थीं। 2002 में हुए गुजरात दंगों के समय बिलकिस के साथ गैंगरेप हुआ था। जस्टिस अजय रस्तोगी और बेला एम त्रिवेदी की बेंच ने सुनवाई शुरू होते ही कहा कि उनकी साथी जज मामले की सुनवाई नहीं करना चाहेंगी। जस्टिस रस्तोगी की अध्यक्षता वाली बेंच ने आदेश दिया कि मामले को ऐसी बेंच के सामने लिस्ट करें, जिसमें हम दोनों में से कोई ना हो।
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