बीजिंग.
चीन में कोरोना संक्रमण के हालात साल 2020 की याद दिला रहे हैं। स्थिति इतनी खराब है कि यहां अस्पतालों के सभी बेड भरे हैं। मेडिकल स्टोर्स में दवाएं खत्म हो रही हैं। मरीज इलाज के लिए डॉक्टर के सामने गिड़गिड़ाते देखे जा सकते हैं। बीजिंग के सबसे बड़े श्मशान में 24 घंटे अंतिम संस्कार हो रहे हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इसकी वजह चीन में फैल रहा नया वैरिएंट हो सकता है। इसका नाम BA.5.2.1.7 है। साइंटिस्ट्स इसे BF.7 भी कह रहे हैं। चीन में जीरो-कोविड पॉलिसी खत्म होने के बाद अचानक से बढ़े मामलों की वजह यही बताई जा रही है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक यह ओमिक्रॉन का सबसे खतरनाक म्यूटेशन है। जापान, दक्षिण कोरिया और फ्रांस में एक हफ्ते में सबसे ज्यादा केसेस आए हैं। इन देशों में मरीजों की संख्या 10 लाख 65 हजार, 4 लाख 61 हजार और 3 लाख 58 हजार है। भारत में 7 दिन में 1,081 मामले सामने आए हैं। चीन के हालात देखते हुए केंद्र सरकार अलर्ट मोड पर है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया बुधवार को देश में COVID-19 की स्थिति पर वरिष्ठ अधिकारियों और विशेषज्ञों के साथ बैठक करेंगे। उधर, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने मंगलवार को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है कि कोरोना के सभी पॉजिटिव केस के सैम्पल्स जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजें, ताकि कोरोना के वैरिएंट का पता लगाया जा सके। उधर, सोमवार को यूएस स्टेट डिपार्टमेंट के स्पोक्सपर्सन नेड प्राइस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि चीन में कोरोना के बढ़ते केसेस के पीछे नया म्यूटेशन है। उन्हें आशंका है कि चीन सरकार कोरोना मामलों और मौतों की सही संख्या नहीं बता रही है। यह पूरी दुनिया के लिए चिंता की बात हो सकती है।
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