मंत्री बोले-1980 से सत्ता-संगठन में बैठे नेता युवाओं को मौका दें

जयपुर. सचिन पायलट समर्थक वन मंत्री हेमाराम चौधरी ने सीएम अशोक गहलोत सहित लंबे समय से पदों पर काबिज पार्टी के सीनियर नेताओं पर निशाना साधा है। उन्होंने सीनियर नेताओं को युवाओं के लिए जगह खाली करने की नसीहत दी है। हेमाराम ने कहा- हम लोग जो 1980 से सत्ता में, संगठन में पदों पर बैठे हैं, हम लोगों को युवाओं को मौका देने पर विचार करने की जरूरत है। खास बात यह है कि हेमाराम जयपुर में सरकार के मंत्रियों के साथ होने वाले चिंतन शिविर की बजाय पायलट के किसान सम्मेलन में पहुंचे। हेमाराम ने कहा कि हम विचार नहीं करेंगे तो युवा धक्के मारकर कब्जा कर लेंगे, उसमें क्या इज्जत रहेगी। शान(इज्जत) इसी में है कि हम युवाओं को मौका दें दें। हेमाराम सोमवार को परबतसर में सचिन पायलट के साथ किसान सम्मेलन में बोल रहे थे। हेमाराम ने कहा- राजनीति कभी सेवा का माध्यम थी, लेकिन अब राजनीति सेवा का माध्यम नहीं होकर पूरी तरह व्यावसाय का रूप धारण कर रही है। यह लोकतंत्र के लिए खतरा है। मैं 1973 से राजनीति में हूं, 1980 में पहला ​चुनाव लड़ा। मुझे 50 साल राजनीति में हो गए और मेरी उम्र 75 साल हो गई, फिर भी मैं राजनीति के लिए डटा रहूं , दूसरों को मौका नहीं दूं तो यह कैसे उचित है। हेमाराम ने कहा- किसान, मजदूर और युवाओं की बात सुननी होगी। केवल पैसे वालों की सुनने से काम नहीं चलेगा। केवल पैसे वालों की सुनी तो जनता बख्शेगी नहीं। मेरी 75 साल की उम्र हो गई, मैंने सचिन पायलट जैसा संघर्षशील नेता नहीं देखा। हेमाराम ने कहा- ताली एक हाथ से नहीं बजती, दोनों हाथों से बजती है। कुछ लोग एक हाथ से ताली बजाना चाहते हैं। हमें कांग्रेस की मजबूती के लिए काम करना चाहिए, अपनी मजबूती के लिए काम मत करो। अपनी मजबूती की जगह कांग्रेस की मजबूती के लिए काम करेंगे तभी पार्टी को फायदा होगा। हेमाराम चौधरी ने कहा- पांच साल तक सचिन पायलट ने संघर्ष किया, सब लोगों ने साथ दिया तो 2018 में कांग्रेस सत्ता में आई लेकिन इसके बाद जो हालात बने वह आपके सामने हैं। आज सचिन पायलट केवल विधायक हैं, उनके पास न संगठन में और न सत्ता में कोई पद है। इसके बावजूद इतना हुजूम उन्हें सुनने आया, वह इस बात को दर्शाता है कि जनता का असीम प्यार उनके साथ है। सचिन पायलट की इस साल की पहली सियासी सभा में जिस तरह के तेवर दिखाए हैं, उससे कांग्रेस में मतभेद गहराने के आसार बनते दिख रहे हैं। सचिन पायलट पार्टी लाइन पर चलकर गहलोत को निशाने पर लेने की रणनीति पर चल रहे हैं। हेमाराम ने पूरे भाषण में ज्यादातर मुद्दे गहलोत और सरकार को घेरने वाले ही उठाए। इस नई सियासी रणनीति में किसान सम्मेलनों के जरिए सचिन पायलट ने फील्ड पर फिर से एक्टिव होना शुरू किया है।

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