जयपुर. राजस्थान के पूर्व डिप्टी CM सचिन पायलट और CM अशोक गहलोत के बीच की तल्खियां फिर उजागर होने लगी हैं। प्री-बजट बैठक में गहलोत ने पायलट को इशारों-इशारों में 'कोरोना' बताया था। अब सचिन ने भी इशारों में ही हमला बोलना शुरू किया है। शुक्रवार को महाराजा कॉलेज में लाइब्रेरी के उद्घाटन समारोह में पहुंचे पायलट ने इशारों में गहलोत पर खूब कटाक्ष किया। उन्होंने कहा, 'मैंने राजनीति में मेरे स्वर्गीय पिताजी से बहुत कुछ देखा और सीखा है। राजनीति के अखाड़े में बड़ों-बड़ों को पटकनी देते हुए उन्हें देखा है। मुद्दों पर, पब्लिक सेंटीमेंट पर आप खड़े हों तो लोग ताली बजाते हैं। अपमान कर देना, छोटी-मोटी बात बोल देना, अच्छी बात नहीं है। आप सब जानते हो। मेरे बारे में क्या बोला गया।' पायलट ने स्टूडेंट से पूछा- मेरे बारे में क्या बोला? जवाब आया- कोरोना पायलट ने फिर पूछा- जो पहले बोला वह बताओ? जवाब आया- नाकारा-निकम्मा पायलट ने युवाओं से कहा- इन सब बातों की जरूरत नहीं है। मैं कोई प्रोफेसर नहीं हूं। आपसे बड़ा हूं। मेरा दायित्व बनता है, आपको सही बात बोलूं। आपके संस्कारों को जगाऊं। आपकी फितरत ऐसी होनी चाहिए कि आप लोगों का मान-सम्मान करो। लोगों को इज्जत दोगे तो इज्जत मिलेगी। युवाओं की तकदीर बदलने के लिए हमें किसी की दया या भीख नहीं चाहिए। हमें अवसर चाहिए। हमें प्लेटफॉर्म चाहिए। हमें स्वस्थ प्रतिस्पर्धा चाहिए। युवाओं को काबिलियत के आधार पर मौका मिलता रहे। प्रतिभाओं को रोकने की जगह बढ़ाने का काम करें। पायलट ने कहा- चुनाव आते हैं। हम विरोध करते हैं, लेकिन नीति-सिद्धांतों पर विरोध होना चाहिए। पिछले पांच दिनों से मैंने केवल मुद्दों पर भाषण दिया है। किसी पर व्यक्तिगत आरोप नहीं लगाया है। व्यक्तिगत आलोचना करना, गाली-गलौज करना, कठोर शब्द बोल देना बड़ा आसान काम है। 32 सलाखों के पीछे जो बिना हड्डी की जीभ है, उसे संतुलित करना, सही इस्तेमाल करना बहुत जरूरी है। मुंह से निकली हुई बात कभी वापस नहीं आती। पायलट ने कहा- जब चुनाव आते हैं, जब प्रचार करने जाता हूं। मेरे सामने हमेशा बीजेपी खड़ी रहती है। आप सब जानते हो जब-जब मैं प्रचार करता हूं तो धुआं निकाल देता हूं। मेरे सामने जो चुनाव लड़ते हैं, विरोध करते हैं, मैंने हमेशा उन्हें मान-सम्मान दिया। मैंने उनकी प्रशासनिक कार्रवाई, उनकी नीतियों को, उनके काम करने के तरीकों को और उनके भ्रष्टाचार को उजागर किया। मैंने कभी भी अपने विरोधियों के लिए उन शब्दों का प्रयोग नहीं किया जो शब्द मैं अपने लिए नहीं सुनना चाहता। जो शब्द और बातें आप अपने लिए नहीं सुन सकते, वह औरों के लिए नहीं बोलना चाहिए। उन्होंने कहा- मैं जब अध्यक्ष बना, जितने भी नगरपालिका के चुनाव हुए, पंचायत समिति के चुनाव हुए, उस वक्त मैंने 40% टिकट उन लोगों को दिए, जिनकी उम्र 40 साल से कम थी। मैंने बहुत सारे नौजवानों को विधानसभा तक पहुंचाने का प्रयास किया। कामयाब तो भगवान करवाता है। मौका देना अलग बात होती है। हमें अपने से कम उम्र के नौजवानों को मौका देना पड़ेगा। पायलट ने कहा- न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जैसिंडा अर्डर्न को सलाम करना चाहता हूं। दुनिया की सबसे कम उम्र की पीएम थीं। 42 साल की उम्र में उन्होंने पद छोड़ने की घोषणा कर दी। जब उन्हें लगा कि पब्लिक रेटिंग में कुछ नंबर कम आ गए तो उन्होंने टेलीविजन पर आकर इस्तीफे की घोषणा कर दी। कहा- अब पार्टी के लिए काम करूंगी। हम सबको आने वाली पीढ़ी का सोचना चाहिए। आप सब युवाओं को सोचना चाहिए।
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