जयपुर .इप्टा जयपुर की ओर से रवीन्द्र मंच पर आठवां इप्टा शॉर्ट प्ले फेस्टिवल हल्ला बोल की शुरुआत हुई। पहले दिन राजस्थान के प्रसिद्ध साहित्यकार, कवि और नाटककार हेतु भारद्वाज के प्रसिद्ध नाटक पूर्णवतार का मंचन मुख्य सभागार में किया गया। इसका निर्देशन वरिष्ठ रंगकर्मी जयपुर इप्टा के संजय विद्रोही ने किया। यह नाटक महाभारत के युद्ध के बाद की कथा को दर्शाती है। इस नाटक में श्रीकृष्ण को पूर्णावतार बताया गया है। लेखक ने बताया की नाटक में महाभारत में जो भीषण महायुद्ध में जो विनाश का तांडव हुआ, उसमे गांधारी के प्रसंग को लेकर काव्य के रूप में नाटक की रचना की है। गांधारी को केंद्र बिंदु बनाकर गांधारी की व्यथा, उसकी महत्वकांक्षऐं, अंधत्व का वरण, पांडु पुत्रों की प्रति घृणा और श्रीकृष्ण को शाप देना जैसे प्रसंगों की रचना लेखक ने की है।लेखक ने यह बताने की कोशिश कि है क्या श्रीकृष्ण इस युद्ध के पक्षधर थे..? क्या श्रीकृष्ण को युद्ध के पश्चात ग्लानि और चिंतन हुई..? ऐसे कई सवाल लेखक ने नाटक ने उठाए हैं। इस काव्य नाटक में जो संदेश निकलता है, अहिंसा दर्शन, गांधी दर्शन,बुद्ध दर्शन,वैश्विक अहिंसा की शिक्षा तथा मानव धर्म की बात कहता है। यह नाटक अणु एवम परमाणु बम, अलग अलग हथियारों के निर्माण तथा प्रयोग करने की होड़ में जो देश लगे हैं उनकी खिलाफत की बात करता है। नाटक में राहुल भाटी ( धृतराष्ट्र) शब्दिका शर्मा (गांधारी) जय सैनी ( विदुर) लिशिता सोयल ( द्रौपदी) हितिक शर्मा ( शकुनी) विक्रम सिंह (अश्वथामा), अनंत हीरावत (श्रीकृष्ण और वेदव्यास) विशाल बैरवा ( शिकारी जरा) तथा हर्षवर्धन,शुभम, साहिल, विकास,दीपक,नकुल, अनुराग, ऊनैफ खान ने अभिनय किया। लाइट डिजाइन गगन मिश्रा व संगीत संयोजन अंतरिक्ष नागरवाल ने किया।
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