बूंदी मे नगर परिषद बोर्ड बैठक आयोजित की गई. साधारण सभा की बोर्ड बैठक में कई अहम मुद्दों पर चर्चा होनी थी. लेकिन यह बोर्ड बैठक महज खानापूर्ति बनकर ही साबित हो गई. नगर परिषद बोर्ड बैठक में विकास के मुद्दों पर चर्चा होनी थी. लेकिन पार्षद एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाते रहे और अपनी बात रखने को लेकर जमकर हंगामा करते नजर आए.
देखते ही देखते वार्ड पार्षद देवराज गोचर द्वारा नगर परिषद अतिक्रमण दस्ते पर अवैध वसूली का आरोप लगाया गया. अडानी ग्रुप को सस्ते दामों में जमीन बेचने का आरोप लगाया गया तो कई कांग्रेस के पार्षदों ने हंगामा करते हुए कुर्सियां फेंकी और जमकर एक दूसरे पर लात-घूसे चलाने लगे. गिरेबान तक पकड़ ली.
बीच-बचाव में करने आए उपसभापति और नगर परिषद के कर्मचारियों ने मामले को शांत करवाया और दोनों ही गुट पार्षदों को अलग अलग करवाया. भिड़ने वाले पार्षदों में कांग्रेसी एक ही दल के थे तो ऐसे में देखने वाली बात यह थी कि कांग्रेस के पार्षद भी इस बोर्ड बैठक में सभापति कांग्रेस की होते हुए उनके पक्ष में नजर नहीं आए. वहीं बात नहीं सुनने पर नाराज उपसभापति सहित अन्य कांग्रेसी पार्षद धरना देकर सभा भवन में ही बैठ गए. उनका कहना था कि अब जिला कलेक्टर के सामने विकास के मुद्दों पर हम चर्चा करेंगे.
वहीं नगर परिषद सभापति मधून का कहना है कि जिन मुद्दों के लिए विकास के मुद्दों के लिए यह बोर्ड बैठक आयोजित की गई थी. वह ले लिए गए हैं. 50 लाख से अधिक की सड़कों को इस बोर्ड बैठक में मंजूर किया गया है.
बोर्ड बैठक में आपस में उलझे कांग्रेस के ही पार्षद एक दूसरे से उलझते हुए नजर आए. सबसे बड़ी बात देखने में यह रही कि अतिक्रमण दस्ते पर जब अवैध वसूली का आरोप लगाया गया तो कांग्रेस के पार्षद देवराज गोचर ने ही आरोप लगाया था. वहीं कांग्रेस के पार्षद टीकम जैन द्वारा नाम बताने की बात पर मामला गरमाया और जमकर हंगामा हुआ और हाथापाई शुरू हो गए कुर्सियां फेंकी गई.
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