जयपुर में पिछले 10 दिनों में लोगों ने पंजाबी खाने का जमकर स्वाद दिया। दरअसल, जयपुर के होटल हिलटन में शेफ स्वीटी सिंह और शेफ अभिषेक कुकरेती ने पंजाबी फूड फेस्टिवल 'पिंड दा स्वाद' में आयोजित किया। जो 24 मार्च से 2 अप्रैल तक चला। अमृतसर से जयपुर आए शेफ स्वीटी सिंह एवं होटल हिलटन के इन-हाउस वर्किंग शेफ अभिषेक कुकरेती ने खास डिश तैयार कीं। यहां बुफे मेन्यू के साथ पंजाब के पारम्परिक खाने मक्के दी रोटी, सरसो दा साग, लस्सी देसी घी के तड़के के साथ बैगन के भरते का स्वाद चखाया गया। पारंपरिक पंजाबी कल्चर में सजावट की गई। सेल्फी पॉइंट बनाए गए।
पंजाब से आये शेफ स्वीटी सिंह ने बताया- इस फ़ूड फेस्टिवल में हमने पंजाब के बेसिक जायकों को देसी अंदाज़ में पेश किया गया। क्योंकि जब सब कहते है कि पंजाबी खाना में बहुत तेज मसालों का यूज़ होता है। उसके बिना स्वाद नहीं आता। उसी सोच को बदलने के लिए मैंने केवल पंजाबी खाना बनाने का फैसला किया। इसमें दादी नानी के बताए कम मसालों से हमने कई डिश तैयार किए। इसका स्वाद आप चखेंगे तो अपनी उंगलियां चाटते रह जायेंगे। पंजाबी खाना तो घर का खाना है इसे आप साल भर खा सकते हैं। शेफ बताते है कि मैंने कोई डिग्री नहीं ली जो सीखा अपने पिता से सीखा। जो दिल्ली के चांदनी चौक पर ठेला लगाते थे। वो आंख से देख नहीं सकते थे, लेकिन खाने को सूंघकर उसका स्वाद बताते थे। उन्ही से मैंने सीखा और पिछले 30 साल से देश विदेश के होटलों में पंजाबी स्वाद को देकर आया हूं।
पंजाब से आये शेफ स्वीटी सिंह
कुकिंग हम जितना खुश होकर करते हैं खाना उतना ही स्वादिष्ट बनता है। खाने को चम्मच से खाने पर स्वाद नहीं आता और ना हीं बरकत होती है देसी खाने को हाथ से खाने से उसका टेस्ट खुलकर आता है। हमने यहां आने वाले कस्टमर को भी अपने हाथ से खाने को कहा ताकि घर जैसा स्वाद आ सके। 10 दिनों तक चले इस फ़ूड फेस्ट में शहरवासियों ने खूब प्यार दिया।
पंजाब के देसी घी के तड़के वाली दाल मखनी
10 दिनों के लिए 10 फ्लेवर की लस्सी खास रही
इस फेस्टिवल में 10 दिन 10 फ्लेवर की लस्सी सर्व की गई। इसमें ताजे फलों के जूस का इस्तेमाल भी किया गया। 8 से 10 तरह के फल, रोज वाटर और प्योर दही का इस्तेमाल करके बनाया गया। इसमें पानी का प्रयोग नहीं किया। सिर्फ बर्फ डालकर बनाया गया। शेफ स्वीटी सिंह ने बताया- कुछ नया करने की कोशिश रहती है। इसलिए हर दिन हमने अलग अलग तरीके की लस्सी बनाई है। इनमें केसर की लस्सी, स्ट्रॉबरी लस्सी, फ्रूट लस्सी, लीची लस्सी, जीरा लस्सी कि लोगों को सर्व की गई। हर दिन अलग-अलग लस्सी का स्वाद देने के लिए ऐसा किया गया।
केसर लस्सी
फ़ूड फेस्टिवल के बारे में अभिषेक कुकरेती ने बताया- जो स्वाद सड़क किनारे वाले राजमा चावल 10 रूपए प्लेट में आता है। वो मजा बड़े होटल में नहीं आता। हम जम्मू से पिथौरागढ़ से बढ़िया क्वालिटी का राजमा मंगवाते हैं। स्वाद सड़क किनारे वाले राजमा चावल में ही आता है। इसी को लेकर आईडिया आया। फिर पंजाब के देसी स्वाद को जयपुरवासियों के लिए हम इस फ़ूड फेस्ट में लेकर आए। इसमें हमने पंजाब के देसी घी के तड़के वाली दाल मखनी को स्लो कुकिंग के जरिए कोयले की सिंगरी में 12 घंटे तक पकाकर बनाया जाता है। इसके साथ ही आलू बड़ी ,कढ़ी पकोड़ा, बैगन का भर्ता, चिक्कर छोले, दही भल्ले, आलू स्टफ्ड कुलचे, मक्के दी रोटी, सरसो दा साग और पंजाबी लस्सी साथ हीं नॉनवेज पसंद करने वालों के लिए खास स्वाद लोगों के सामने रखा।
शेफ स्वीटी सिंह और शेफ अभिषेक कुकरेती
जो स्वाद लंगर के पत्ते में आता था। आज स्टील के बर्तन में नहीं आता। पुरानी चीजें खत्म हो रही हैं। जो 5 साल पहले लोग खा सकते थे। अब पास्ता पिज्जा बर्गर हर खाने में काजू क्रीम का यूज़ मिलता है। इंडियन खाने में कभी भी काजू क्रीम नहीं था। इंडियन घरों में तो दादी नानी स्लो कुकिंग करती थी। प्याज टमाटर का यूज करते थे। गरम मसालों का इसमें टच भी नहीं होता था। हमने भी उसी तरह के खाने को लेकर आए हैं। जो सेटिस्फेक्शन इंडियन खाना खाकर मिलता है। वह पिज़्ज़ा बर्गर में नहीं आता।
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