लखनऊ/जयपुर(संदीप अग्रवाल): माफिया अतीक अहमद के बेटे असद को आज प्रयागराज के कसारी-मसारी कब्रिस्तान में खाक-ए-सुपुर्द कर दिया गया. वहीं उसके साथी गुलाम को भी दूसरी जगह दफना दिया गया. पुलिस की कड़ी सुरक्षा के बीच अंतिम संस्कार की प्रक्रिया पूरी हुई. इसको लेकर अतीक अहमद के पुश्तैनी घर से लेकर कब्रिस्तान तक सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गए थे. वहीं घर से लेकर कब्रिस्तान तक पुलिस की टीम पेट्रोलिंग भी करती रही. प्रयागराज में अतिरिक्त फोर्स भी मंगाई गई थी. पुराने शहर में खास निगहबानी की गई. रैपिड एक्शन फोर्स और पीएसी की आठ कंपनियां बाहर से बुलाई गईं. इन सभी को पुराने शहर में संवेदनशील जगहों पर तैनात किया गया था.
बेटे के जनाजे में शामिल होना मेरा अधिकार थाः अतीक अहमद
माफिया अतीक बेटे असद के जनाजे में शामिल नहीं होने पर है बेहद गमजदा है. लॉकअप के अंदर बोरे पर अतीक लेट गया है. पुलिसकर्मियों से कहा “बेटे के जनाजे में शामिल होना मेरा अधिकार था. अल्लाह सब कुछ देख रहा है, किसी को माफ़ नही करेगा. मेरे पूरे परिवार को तुम सब खत्म करना चाहते हो.” माफिया अतीक लॉकअप में विछिप्त जैसी हरकत कर रहा है.
असद को आखिरी बार देखने के लिए गिड़गिड़ाता रहा अतीक
माफिया अतीक ने धूमनगंज थाने के लॉकअप में बेटे असद का देखने की गुजारिश किया था. टीवी या फिर मोबाइल के जरिए असद के अंतिम संस्कार की प्रक्रिया को देखने की गुजारिश किया था. लॉकअप के अंदर से अतीक और अशरफ दोनो ने पुलिसकर्मियों से मिन्नत की थी. फिलहाल पुलिस ने जनाजे दिखाने से संबंधित कोई भी सुविधा उपलब्ध कराने से इंकार किया.
खाक-ए-सुपुर्द हुआ असद
बीते गुरुवार को पुलिस एनकाउंटर में मारा गया अतीक अहमद का बेटा असद को आज प्रयागराज के कसारी-मसारी कब्रिस्तान में करीबियों की मौजूदगी में खाक-ए-सुपुर्द किया गया है. वहीं उसके साथ मारा गया शूटर गुलाम को भी दफना दिया गया है.
असद के शव को शनिवार सुबह करीब नौ बजे लाया गया था कब्रिस्तान
गैंगस्टर से नेता बने अतीक अहमद के बेटे असद का शव शनिवार को सुबह करीब नौ बजे यहां कसारी मसारी कब्रिस्तान लाया गया. विशेष कार्यबल (एसटीएफ) के साथ बृहस्पतिवार को मुठभेड़ में मारे गए असद का शव लेकर एंबुलेंस भारी सुरक्षा के बीच कब्रिस्तान में पहुंची, जहां अतीक अहमद के रिश्तेदारों और परिचितों को ही दाखिल होने की अनुमति थी और मीडिया को वहां जाने से रोक दिया गया. कसारी-मसारी कब्रिस्तान के चारों तरफ भारी संख्या में पुलिस बलों की तैनाती की गई.
असद के जनाजे में शामिल होने के लिए मजिस्ट्रेट से ली गई मंजुरी
अतीक अहमद ने असद का शव देखने और उसके जनाजे में शामिल होने के लिए शुक्रवार को मजिस्ट्रेट को प्रार्थना पत्र दिया था जिस पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में शनिवार को निर्णय लिया गया. अतीक अहमद के पांच बेटों में तीसरे नंबर का बेटा था और उमेश पाल हत्याकांड के बाद से ही फरार था. अतीक का सबसे बड़ा बेटा उमर लखनऊ जेल में निरुद्ध है, जबकि उसका उमर से छोटा बेटा अली नैनी सेंट्रल जेल में निरुद्ध है.
दो नाबालिक बेटे प्रयागराज के बाल सुधार गृह में
चौथे नंबर का बेटा अहजम और सबसे छोटा बेटा अबान प्रयागराज के बाल सुधार गृह में हैं. उमेश पाल हत्याकांड में अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन और उसके भाई अशरफ अहमद की पत्नी जैनब भी फरार है. इसलिए असद के अंतिम संस्कार में अतीक के परिवार का कोई सदस्य शामिल नहीं हुआ. कसारी-मसारी कब्रिस्तान में असद की कब्र खोद रहे जानू खान ने बताया कि अतीक अहमद की मां और उसके पिता की कब्र के पास असद की कब्र खोदी गई है.
गौरतलब है कि बहुजन समाज पार्टी के विधायक राजू पाल के हत्याकांड मामले के प्रमुख गवाह रहे उमेश पाल और उसके दो सुरक्षाकर्मियों की इसी साल 24 फरवरी को प्रयागराज में एक ताबड़तोड़ गोलियां चला कर हत्या कर दी गई थी. इस मामले में वांछित अभियुक्त असद अहमद और गुलाम बृहस्पतिवार को झांसी में विशेष कार्य बल के साथ हुई मुठभेड़ में मारे गए थे. यह घटना उस समय हुई जब अतीक और उसके भाई अशरफ की प्रयागराज की एक अदालत में पेशी हो रही थी.
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