सोर्स: NWR (नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे)
जयपुर (संदीप अग्रवाल): रेलवे मंत्रालय ने रींगस से खाटुधाम तक नई रेल लाइन बिछाने को मंजूरी दे दी है। अब श्रृद्धालुओं को रींगस के बाद लखदातार तक पहुंचने में आने वाली दिक्कतें नहीं होंगी। अब जल्द ही रेलवें सीधे खाटुश्यामजी तक रेल लाइन बिछाने की तैयारी कर रहा है। रींगस के समीप स्थित विश्व प्रसिद्ध धार्मिक आस्था के केंद्र खाटूश्याम जी को सीधे रेलवे नेटवर्क से जोड़ने के लिए मंजूरी प्रदान की गई है। खाटूश्याम जी के दर्शन हेतु प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में श्रद्धालु विभिन्न माध्यमों जैसे रेल, रोड तथा पैदल मार्ग से दर्शन के लिए आते हैं। रेल से आने वाले श्रद्धालु रींगस तक रेल से आते हैं उसके पश्चात वह विभिन्न साधनों से खाटू तक पहुंचते हैं। रींगस से खाटू तक का सफर सुगम व सुरक्षित बनाने के लिए रेलवे ने सांस्कृतिक धरोहर व धार्मिक आस्था के केंद्रों को जोड़ने की योजना के तहत रींगस से खाटूश्यामजी तक नई रेल लाइन के सर्वे को मंजूरी प्रदान की है। रींगस से खाटूश्यामजी तक 16 किलोमीटर नई रेल लाइन के फाइनल लोकेशन सर्वे (FLS) के लिए डीपीआर की तैयारी हेतु 40 लाख रुपए का प्रावधान किया गया है। सर्वे का काम शीघ्र ही पूरा करके इस नई रेल लाइन के काम को स्वीकृति प्रदान कर कार्य प्रारंभ किया जाएगा जिससे श्रद्धालुओं को जल्द से जल्द खाटूश्यामजी तक रेल सुविधा प्राप्त हो सके।
खाटूश्याम जी आस्था का प्रमुख केंद्र- अश्विनी वैष्णव
रेल, संचार इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव, ने रींगस से खाटूश्यामजी नई रेल लाइन की घोषणा करते हुए कहा कि खाटूश्याम जी आस्था का प्रमुख केंद्र है और प्रतिवर्ष यहां पर 50 से 60 लाख श्रद्धालु दर्शनों के लिए आते हैं। रेलवे द्वारा सांस्कृतिक धरोहर और धार्मिक आस्था के केंद्रों की कनेक्टिविटी पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है जिसमें कुछ समय पूर्व अंबाजी के लिए नई लाइन का कार्य प्रारंभ किया गया है तथा अब खाटूश्याम जी के लिए नई लाइन के सर्वे को मंजूरी दी गई है। रेलवे द्वारा माननीय प्रधानमंत्री जी के मिशन विरासत और विकास के तहत धार्मिक स्थलों तक रेल कनेक्टिविटी पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है।
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