नई दिल्ली (संदीप अग्रवाल): रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन की चालबाजी को देखते हुए भारतीय सेना को आगाह किया है। बुधवार को सिंह ने कहा कि उत्तरी सीमा पर किसी भी हालात से निपटने के लिए सेना को तैयार रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद के शांतिपूर्ण समाधान के लिए चीन की साथ बातचीत चलती रहेगी। सेना के कमांडरों को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि सीमा पर हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं क्योंकि बीते तीन सालों से दोनों देशों ने पूर्वी लद्दाख के अग्रिम मोर्चों पर अपने सैनिकों को तैनात करके रखा है।
LAC पर सेना रहे सतर्क।
रक्षा मंत्री ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीन की गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखने के लिए कहा। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि सीमा विवाद का शांतिपूर्ण हल निकालने के लिए चीन के साथ जारी कूटनीतिक एवं सैन्य स्तर की बातचीत आगे चलती रहेगी। राजनाथ ने कहा कि मुश्किल हालात से निकलने के लिए सीमा से सैनिकों को पीछे हटाना सबसे अच्छा तरीका है।
सेना के कमांडरों का पांच दिवसीय सम्मेलन सोमवार को शुरू।
सेना के कमांडरों का पांच दिवसीय सम्मेलन सोमवार को दिल्ली में शुरू हुआ। इसमें चीन और पाकिस्तान के साथ सीमाओं पर देश की राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौतियों और बल की युद्धक क्षमता में वृद्धि के तौर-तरीकों पर विचार किया जा रहा है। जम्मू कश्मीर का जिक्र करते हुए रक्षा मंत्री सिंह ने कहा कि वहां शांति और स्थिरता है एवं केंद्रशासित प्रदेश में आतंकवादी गतिविधियों की संख्या में उल्लेखनीय गिरावट आई है।
तैयारियों को लेकर लावरवाह नहीं रहे: राजनाथ
राजनाथ सिंह ने कहा, 'पूर्वोत्तर राज्यों में भी, भारतीय थल सेना द्वारा चलाए गए अभियानों के बाद आंतरिक सुरक्षा स्थिति में काफी सुधार हुआ है। इसके बाद भी, हमें शांति के लिए सरकार के प्रयासों को चुनौती देने वाले राष्ट्र-विरोधी संगठनों को लेकर सतर्क रहना होगा।" सिंह ने कहा कि "विभिन्न अनिश्चितताओं" के कारण भविष्य के युद्ध काफी अप्रत्याशित होंगे। उन्होंने कहा, 'आज के बदलते समय में, खतरों और हथियारों का दायरा काफी व्यापक हो गया है। इसे ध्यान में रखते हुए अपनी रक्षा तैयारियों का आकलन करने की आवश्यकता है।'
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