जयपुर: (संदीप अग्रवाल): पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने कहा, 6 महीने के बाद भी 25 सितंबर की घटना को लेकर कोई कार्रवाई नहीं हुई, पायलट ने कहा, हमने पटवारी पर छापे मारने के लिए वोट नहीं मांगे थे बल्कि वसुंधरा सरकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए वोट मांगे थे, अपने अनशन को लेकर मैंने कमलनाथ और वेणुगोपाल को जमीनी हकीकत बताई थी। पूर्ववर्ती वसुंधरा सरकार के भ्रष्टाचार की जांच की मांग को लेकर अनशन करने वाले पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने अब गहलोत कैंप पर खुलकर हमला बोला है। सचिन पायलट ने 25 सितंबर की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि 25 सितंबर की घटना तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ खुली बगावत थी। 25 सितंबर को जो कुछ हुआ था वह सब के सामने हैं।
पर्यवेक्षकों की हुई खुब बेइज्जती
सचिन पायलट ने रविवार को झारखंड महादेव मंदिर में पूजा अर्चना के बाद मीडिया से बातचीत में कहा कि 25 सितंबर को गहलोत गुट के विधायकों की ओर से खुलेआम सोनिया गांधी के आदेशों की अवहेलना की गई थी और उस दिन पर्यवेक्षक बनकर आए अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे की भी खूब बेइज्जती हुई थी। पार्टी विरोधी गतिविधि तो तब हुई थी, उस वक्त भी कार्रवाई की बात कही जा रही थी लेकिन 6 महीने बीतने के बावजूद भी आज तक कार्रवाई नहीं हो पाई। कार्रवाई क्यों नहीं हुई इसका जवाब मेरे पास नहीं बल्कि एआईसीसी के पास है। सचिन पायलट ने कहा कि 25 सितंबर की घटना के बाद कारण बताओ नोटिस भी जारी हुए थे लेकिन अब सब जानना चाहते हैं कि उस प्रकरण में क्या कार्रवाई की गई।
मंत्रियों पर आरोपों की भी जांच रिपोर्ट तैयार करें रंधावा
सचिन पायलट ने कहा कि प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा संजीदा व्यक्ति हैं। प्रभारी रंधावा ने कई रिपोर्ट बनाकर एआईसीसी को भेजी है लेकिन उन्हें सरकार के मंत्री-विधायकों पर लग रहे आरोपों की रिपोर्ट बनाकर भी एआईसीसी भेजनी चाहिए, क्योंकि जिन मंत्री-विधायकों पर आरोप लग रहे हैं उससे सरकार की छवि धूमिल हो रही है। इस पर भी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को भी संज्ञान लेना चाहिए। पायलट ने कहा है कोई कितना भी बड़ा व्यक्तित्व न हो, किसी भी पद पर बैठा हो और किसी का भी चहेता क्यों न हो, अगर जांच में किसी के खिलाफ सबूत मिलते हैं तो उस पर सख्त से सख्त एक्शन होना चाहिए।
बीजेपी सरकार के भ्रष्टाचार उठाना पार्टी विरोधी गतिविधि कैसे
सचिन पायलट ने प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा के उस बयान पर भी तंज कसा, जिसमें रंधावा ने कहा था कि सचिन पायलट का अनशन पार्टी विरोधी गतिविधि है। उस पर सचिन पायलट ने कहा कि भाजपा सरकार के भ्रष्टाचार के मामलों को उठाना पार्टी विरोधी गतिविधि कब से हो गया। हमने भाजपा सरकार के भ्रष्टाचार के मामले उठाए हैं यह पार्टी हित में है न कि विरोध में।
अनशन के 2 सप्ताह बाद भी सरकार ने नहीं की भ्रष्टाचार की जांच शुरू
पायलट ने कहा कि मैंने वसुंधरा सरकार के भ्रष्टाचार के मामलों को लेकर अनशन किया था लेकिन अनशन के 2 सप्ताह बाद भी सरकार की ओर से अभी तक भी वसुंधरा सरकार के भ्रष्टाचार को लेकर जांच शुरू नहीं की गई है। सचिन पायलट ने कहा कि हमने वसुंधरा सरकार के भ्रष्टाचार की जांच की मांग को लेकर जनता से वोट मांगे थे, पटवारी पर छापों की जांच की मांग को लेकर वोट नहीं मांगे थे।
कमलनाथ और वेणुगोपाल को बताई जमीनी हकीकत
पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने कहा कि उन्होंने अपने अनशन के बाद दिल्ली जाकर पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री केसी वेणुगोपाल और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को जमीनी हकीकत बताई थी और चुनाव में सरकार रिपीट होने के लिए कुछ सुझाव भी दिए थे। मैंने उनसे यह कहा था कि जो वादे हमने जनता से किए थे उन्हें करके दिखाना चाहिए, क्योंकि हम बीजेपी का धुआं निकालने की क्षमता रखते हैं। उन्होंने कहा कि हमारे विरोधी दल के लोग यह भ्रम नई फैला दें कि यहां पर किसी तरह की सांठगांठ हैं। चुनावों में पब्लिक परस्पेशन महत्वपूर्ण होता है और जनता में यह परस्पेशन नहीं बने कि इनमें आपस में सांठगांठ है।
आरपीएससी सदस्य की भी जांच होनी चाहिए
आरपीएससी सदस्य की गिरफ्तारी को लेकर सचिन पायलट ने कहा कि आरपीएससी का जो सदस्य गिरफ्तार हुआ है उसकी भी जांच होनी चाहिए कि वह आरपीएससी का सदस्य कैसे बना और किसकी सिफारिश से बना। गौरतलब है कि हाल ही में सचिन पायलट की ओर से भ्रष्टाचार के मामले उठाने जाने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का भी बयान सामने था जिसमें मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा था कि राजस्थान में भ्रष्टाचार के खिलाफ सर्वाधिक कार्रवाई की गई है और भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति है।
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