जयपुर/भरतपुर (संदीपअग्रवाल): सैनी समाज द्वारा 12 प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन किया जा रहा है। ऐसे में समाज के लोग हाथों में लाठीयां लेकर नेशनल हाईवे-21 के किनारे मांग को लेकर धरने पर बैठे हुए है। इसी क्रम में आंदोलन में बड़ी संख्या में महिला और पुरूष अपनी उपस्थिति दर्ज करवा रहे है। सैनी-माली समाज के आरक्षण आंदोलन के पांचवें दिन मंगलवार को नया मोड़ आ गया। यहां आंदोलनस्थल अरोदा गांव के पास चह गांव में नेशनल हाईवे-21 के किनारे सैनी समाज के एक आंदोलनकारी ने पेड़ से फंदा लगाकर सुसाइड कर लिया। शव को मंगलवार सुबह एंबुलेंस से नदबई हॉस्पिटल ले जाया गया है। मृतक की पहचान नजदीकी गांव ललिता मुड़िया निवासी मोहन सिंह के रूप में हुई है। शव को भरतपुर के राय बहादुर मेमोरियल (आरबीएम) अस्पताल की मॉर्च्युरी में रखवाया गया है। मोहन सिंह सैनी समाज से था और आंदोलन में शामिल था। उसकी जेब से मिले पर्चे पर लिखा था- 'ज्योतिबा फुले अमर रहे, 12 प्रतिशत आरक्षण लेकर रहेंगे।' फिलहाल मामले में विस्तृत जानकारी जुटाई जा रही है।
सैनी समाज के आंदोलन में फूट आई नजर।
आरक्षण की मांग को लेकर पिछले पांच दिनों से चल रहे माली समाज के आंदोलन में सोमवार को फूट नजर आ रही है। सोमवार को जेल से रिहा हुए फुले आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक व आंदोलन के अगुवा मुरारी लाल सैनी जयपुर-आगरा हाईवे पर पहुंचे। उन्होंने आंदोलनकारियों से हाईवे खाली करने को बोला। हालांकि आंदोलनकारियों ने हाईवे से हटने को मना कर दिया। माली, सैनी, कुशवाह, शाक्य, मौर्य और काछी समाज के लोगों ने 12 प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर NH-21 को भरतपुर के अरोदा और बेरी गांव के बीच हाईवे को बंद कर रखा है। सोमवार दोपहर 1 बजे आंदोलन संयोजक के नेता मुरारी लाल सैनी और शैलेंद्र कुशवाह समेत 16 लोगों को भरतपुर की सेवर और करौली की जेल से रिहा कर दिया गया था।
हाईवे खाली करने को लेकर नेताओं के बीच हुई लंबी बात
मुरारी लाल सैनी और शैलेंद्र कुशवाहा भरतपुर से आंदोलन स्थल अरोदा गांव पहुंचे तो आंदोलनकारियों ने दोनो नेताओं को कंधों पर उठा लिया। इस दौरान हाईवे खाली करने को लेकर नेताओं के बीच काफी लंबी बात हुई। आखिरकार 4 बजे मुरारी लाल सैनी ने ऐलान किया कि हम हाईवे खाली कर रहे हैं, आंदोलन जारी रहेगा। हम हाईवे से 500 मीटर दूर बैठेंगे। एक कमेटी बनेगी जो जयपुर जाकर आरक्षण के संबंध में सरकार से वार्ता करेगी। इस पर आंदोलनकारियों में से अधिकतर ने हाईवे खाली करने का विरोध किया और वार्ता होने तक हाईवे पर ही डटे रहने की बात कही।
21 सदस्यीय कमेटी करेगी सरकार से बात
सरकार से वार्ता के लिए सोमवार शाम 21 सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है। यह कमेटी सरकार से वार्ता करेगी। सरकार की शर्त है कि पहले हाईवे खाली किया जाए, उसके बाद वार्ता संभव होगी। वहीं आंदोलनकारियों ने साफ कह दिया है कि पहले उनकी मांगें मानी जाएं, उसके बाद ही हाईवे से हटेंगे। 21 सदस्यीय कमेटी में मुरारी लाल सैनी, शैलेंद्र कुशवाह, बदन सिंह कुशवाह, पप्पू भाई प्रधान, मोहर सिंह, सचिन, भागचंद, नानगचंद, मुकेश, पवन, आरएस, किशोर पायोथी, वीरेंद्र, पूरण, विनोद, सुरेश ठेकेदार, गिर्राज प्रसाद, पुरुषोत्तम खेड़ली, जीतू, भगवान सिंह शामिल हैं।
आंदोलनकारियों के बीच चल रहा है आपसी गतिरोध
कमेटी सदस्य और आरक्षण समिति के सह संयोजक पप्पू प्रधान ने बताया कि आंदोलनकारियों के बीच आपसी गतिरोध चल रहा है। ज्यादातर लोग चाहते हैं कि हाईवे को खाली किया जाए और फिर सरकार से बात की जाए। कुछ आंदोलनकारी चाहते हैं कि पहले मांगें पूरी की जाएं, इसके बाद नेशनल हाईवे खाली किया जाए। फिलहाल आंदोलनकारी हाईवे पर डटे हुए हैं। इधर, वैर, भुसावर, नदबई तहसीलों में नेटबंदी सोमवार रात 12 बजे तक बढ़ा दी गई है। सोमवार को आंदोलनकारियों ने PWD मंत्री भजन लाल के विरोध में नारेबाजी की। आंदोलनकारियों का कहना है कि 21 अप्रैल को उन पर आंसू गैस के गोले दागने के आदेश मंत्री भजन लाल जाटव ने दिए थे।
कलेक्टर से मिला था डेलिगेशन
रविवार रात 5 सदस्यीय डेलिगेशन कलेक्टर आलोक रंजन से मिला था। जिसने मुरारी लाल सैनी सभी आंदोलनकारियों को छोड़ने के लिए सीएम अशोक गहलोत के नाम एक ज्ञापन सौंपा था। फुले आरक्षण संघर्ष समिति के सह संयोजक पप्पू भाई प्रधान के नेतृत्व में एक दल रविवार रात जिला कलेक्टर को ज्ञापन देने कलेक्ट्रेट पहुंचा था। फुले आरक्षण संघर्ष समिति के सह संयोजक पप्पू भाई प्रधान के नेतृत्व में एक दल रविवार रात जिला कलेक्टर को ज्ञापन देने कलेक्ट्रेट पहुंचा था। बता दें कि 20 अप्रैल को समाज के नेताओं की गिरफ्तारी के बाद 21 अप्रैल को अरोदा गांव के पास नेशनल हाईवे 21 पर कब्जा कर लिया था। समाज के लोग मुरारी लाल सैनी सहित उन सभी 26 लोगों को छोड़ने की मांग कर रहे थे, जिन्हें आंदोलन के समय गिरफ्तार किया गया था।
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