जयपुर (संदीप अग्रवाल) : राजस्थान के 24 जिलों में मौसम विभाग की ओर से आज अलर्ट जारी किया गया है. जयपुर और अलवर से लेकर भरतपुर और कोटा तक, मध्य, पूर्वी और दक्षिण पूर्वी राजस्थान में ओलावृष्टि का अलर्ट है. तो जोधपुर, बीकानेर, बाड़मेर से लेकर बांसवाड़ा डूंगरपुर तक पश्चिम और दक्षिण पश्चिम राजस्थान में तेज हवाओं के साथ हल्की बारिश की संभावना है.
पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हुआ सक्रिय
राजस्थान में एक बार फिर से पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो गया है. अभी एक सप्ताह पहले ही जयपुर से लेकर जोधपुर तक बारिश हुई थी. कई जगह ओलावृष्टि से फसलें बर्बाद हो गई थी. बदले मौसम ने नागौर से लेकर जालोर और चित्तौड़गढ़ से लेकर कोटा बांसवाड़ा और डूंगरपुर तक कई जगह फसल खराबे की तस्वीरें सामने आई थी. इधर अब एक बार फिर से सूबे में मौसम एक्टिव हो गया है. मौसम विभाग की ओर से आज के लिए अलर्ट जारी किया गया है. कहा गया है कि 11 जिलों में ऑरेंज अलर्ट है तो वहीं 13 जिलों में येलो अलर्ट है.
मौसम विभाग का ऑरेंज अलर्ट
राजस्थान में मौसम विभाग की ओर से 11 जिलों में ऐसा अलर्ट जारी हुआ है. इसमें करौली, जयपुर, भरतपुर, धौलपुर, कोटा, झुंझुनूं, सीकर, अलवर, चूरू और बीकानेर जिले शामिल है. इसके अलावा जैसलमेर जिले के कुछ हिस्से भी येलो अलर्ट के दायरे में है. इन इलाकों में मौसम विभाग के मुताबिक कई जगह ओलावृष्टि हो सकती है. जिससे फसलों को काफी नुकसान भी हो सकता है.
मौसम विभाग का येलो अलर्ट
राजस्थान के 13 जिलों में येलो अलर्ट जारी किया गया है. इसमें दक्षिण राजस्थान के डूंगरपुर और बांसवाड़ा शामिल है. हाड़ौती क्षेत्र के बारां और झालावाड़ जिलों में भी येलो अलर्ट है. दौसा और राजसमंद के अलावा पश्चिमी राजस्थान के जोधपुर, जालौर, नागौर, पाली जिले शामिल है. इसके अलावा उत्तरी राजस्थान की श्रीगंगानगर जिले में भी येलो अलर्ट है. मौसम विभाग के अनुसार जिन इलाकों में येलो अलर्ट है वहां तेज हवाओं के साथ हल्की बारिश हो सकती है.
क्या होता है येलो और ऑरेंज अलर्ट
मौसम विभाग की ओर से आगामी संभावनाओं को लेकर अलग अलग अलर्ट जारी किए जाते है. येलो अलर्ट का अर्थ होता है कि मौसम में बहुत ज्यादा खतरा नहीं है. लेकिन फिर भी अलर्ट रहने की जरूरत है. किसी भी समय मौसम बिगड़ भी सकता है. ज्यादा नुकसान भी कर सकता है. येलो अलर्ट से एक कदम आगे होता है ऑरेंज अलर्ट. जिन इलाकों में ऑरेंज अलर्ट होता है उनको थोड़ा ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है. इसका मतलब है कि खतरे के हालात बन रहे है. ज्यादा बारिश या ओलावृष्टि से उस इलाके में नुकसान भी हो सकता है.
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