जयपुर (संदीप अग्रवाल): राजनीति में कौनसा नेता कब किस पर क्या आरोप लगा दे, यह कोई नहीं जानता। सदन से लेकर सड़क तक नेताओं के ऐसे ऐसे बयान आते हैं कि आमजन चौंकाते रहते हैं। पहले आपने नकारा, निकम्मा और गद्दार वाले बयान सुने होंगे। अब रावण बताने का बयान सामने आया है। केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने चित्तोड़गढ में आयोजित जन आक्रोश रैली में राजस्थान के मुख्यंत्री अशोक गहलोत को रावण करार दिया। अपने संबोधन में शेखावत ने कहा कि राजस्थान में राजनीति के रावण अशोक गहलोत को समाप्त करना है और राम राज्य की स्थापना करनी है। इस दौरान बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने शेखावत की बात का समर्थन करते हुए दोनों हाथ खड़े किए थे।
मैं रावण सही, तुम राम बनकर ढाई लाख लोगों के रुपए लौटा दो
गजेन्द्र सिंह शेखावत द्वारा अशोक गहलोत के लिए रावण शब्द का इस्तेमााल किए जाने पर मुख्यमंत्री ने पलटवार किया है। हनुमानगढ के रावतसर में महंगाई राहत कैंप का अवलोकन करने गए अशोक गहलोत ने अपने संबोधन में केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत को जवाब दिया। गहलोत ने कहा कि मान लिया कि मैं रावण हूं लेकिन तुम राम बनकर दिखाओ। संजीवनी क्रेडिट कॉ-ऑपरेटिव सोसायटी के ढाई लाख पीड़ित लोगों के रुपए लौटा दो। उन्होंने कहा कि तुम मर्यादा पुरुषोत्तम राम बनना सीखो।
कांग्रेसी नेताओं ने शेखावत के बयानों की निंदा
गजेन्द्र सिंह शेखावत द्वारा मुख्यमंत्री के लिए रावण शब्द का इस्तेमाल करने पर कई कांग्रेसी नेताओं ने पलटवार किया है। प्रदेश कांग्रेस के सचिव एडवोकेट जसवंत सिंह ने कहा है कि भाजपा के नेता जिस प्रकार की भाषा का उपयोग कर रहे हैं उसमें उनकी 4 साल की बौखलाहट दिखाई दे रही है। जन आक्रोश में भीड़ ना जुटने की खीज भी झलकती है। जसवंत सिंह ने कहा कि केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह जी को संजीवनी घोटाले में अपना भविष्य दिखाई दे रहा है, उसका भय उनके बयानों में झलक रहा है। मुख्यमंत्री के ओएसडी लोकेश शर्मा ने शेखावत के बयान को निंदनीय बताया है। शर्मा ने कहा कि इस तरह का बयान देकर गजेन्द्र सिंह शेखावत जी ना केवल मुख्यमंत्री का बल्कि पूरे राजस्थान का अपमान कर रहे हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत लोगों को महंगाई से राहत दे रहे हैं। भाजपा को यह सहन नहीं हो रहा है।
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