फूल मोहम्मद हत्याकांड मामला: सभी 30 आरोपियों के उम्रकैद की सजा SUSPEND, जानिए 2011 का वो चौंकाने वाला केस

जयपुर जयपुर (Edited By: Sandeep Agarwal): मार्च 2011 को सवाईमाधोपुर के सूरवाल गांव में हुए इंस्पेक्टर फूल मोहम्मद हत्याकांड (Phool Mohammed Death Case) में बड़ा अपडेट सामने आया है। इस केस के सभी 30 आरोपियों की आजीवन कारावास की सजा को राजस्थान हाईकोर्ट ने सस्पेंड कर दिया है। आरोपियों के वकीलों की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने माना कि फूल मोहम्मद हत्याकांड की घटना पूर्व नियोजित नहीं थी। जस्टिस पंकज भंडारी और भुवन गोयल की खंडपीठ ने सजा के स्थगन का आदेश जारी किया। उन्होंने कहा कि आरोपियों पर हत्या के सीधे आरोप नहीं हैं। आक्रोशित भीड़ की ओर से किए गए उपद्रव में फूल मोहम्मद की जान गई थी। यह घटना सुनियोजित नहीं थी। ऐसे में सभी 30 आरोपियों को एक-एक लाख रुपये के पर्सनल बॉन्ड और 50-50 हजार रुपये के मुचलकों पर रिहा करने के आदेश दिया गया।

विभागीय जांच में बरी हो चुके थे महेंद्र सिंह
तत्कालीन पुलिस उपाधीक्षक महेन्द्र सिंह विभागीय जांच में बरी हो चुके थे। जांच में पाया गया कि आक्रोशित भीड़ में से किसकी ओर से पत्थर फेंका गया जो फूल मोहम्मद को लगा और आग किसने लगाई, यह साबित नहीं हो सका। आक्रोशित भीड़ के पथराव करने और इंस्पेक्टर फूल मोहम्मद की गाड़ी को आग लगाने के दौरान महेंद्र सिंह घटना स्थल से दूर थे। आगजनी की घटना के लिए केरोसीन की बोतल लाने वाला नाबालिग था। चूंकि यह हत्याकांड पूर्व नियोजित नहीं था। ऐसे में राजस्थान हाईकोर्ट ने महेन्द्र सिंह तंवर की अपील पर सुनवाई की थी।

SC-ST कोर्ट ने नवंबर 2022 में दी थी उम्रकैद
इस मामले में सवाईमाधोपुर की एससी-एससी कोर्ट ने नवंबर 2022 को तत्कालीन पुलिस उपाधीक्षक (डिप्टी एसपी) महेंद्र सिंह तंवर, बनवारी लाल मीणा को दोषी करार दिया। साथ ही रामचरण मीणा, योगेन्द्र नाथ, हनुमान मीणा और पृथ्वीराज मीणा सहित 30 आरोपियों को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। एससी-एसटी कोर्ट ने माना था कि भीड़ की ओर से जब फूल मोहम्मद को जिंदा जलाया जा रहा था तब डिप्टी एसपी महेंद्र सिंह मौके पर खड़े थे। महेंद्र सिंह पर आरोप यह भी था कि उन्होंने फूल मोहम्मद को बचाने का कोई प्रयास नहीं किया था। मामले की जांच सीबीआई ने की थी। सीबीआई जांच में कुल 89 लोगों को आरोपी बनाया गया था। सबूतों के अभाव में एससी-एसटी कोर्ट ने 49 आरोपियों को बरी करते हुए शेष 30 आरोपियों को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।

जानिए क्या हुआ था 17 मार्च 2011 को
पूरा मामला 17 मार्च 2011 को सवाई माधोपुर के मानटाउन थाना क्षेत्र में हुआ था। जब सूरवाल गांव में दाखा देवी हत्याकांड के आरोपियों को गिरफ्तार करने और मुआवजे की मांग पर लोगों की ओर से आंदोलन किया जा रहा था। इस दौरान राजेश मीणा और बनवारी मीणा नाम के दो युवक पेट्रोल की बोतल लेकर पानी की टंकी पर चढ़ गए। वो सुसाइड की धमकी दे रहे थे। बनवारी को लोगों ने समझा कर टंकी से नीचे उतार लिया लेकिन राजेश मीणा ने खुद पर पेट्रोल छिड़क कर आग लगा ली और पानी की टंकी से नीचे कूद गया। इसके बाद मौके पर मौजूद भीड़ उग्र हो गई और पुलिस पर हमला कर दिया। पथराव और आगजनी की घटना में इंस्पेक्टर फूल मोहम्मद को भी आग लगा दी गई थी जिससे उनकी मौत हो गई थी।


 

Written By

DESK HP NEWS

Hp News

Related News

All Rights Reserved & Copyright © 2015 By HP NEWS. Powered by Ui Systems Pvt. Ltd.

BREAKING NEWS
दौसा सीट पर पायलट और किरोड़ी की प्रतिष्ठा दांव पर, SC-ST वर्ग के मतदाता सर्वाधिक, दस साल से कांग्रेस का कब्जा | विधानसभा उपचुनाव में वसुंधरा-पायलट की भूमिका होगी अहम, बीजेपी-कांग्रेस के ये दिग्गज भी दिखाएंगे अपना दम! | करंट से युवक की मौत, मासूमों के सिर से उठा पिता का साया गम मे बदली दिवाली की खुशियां | जल्द ही बड़ी खुशखबरी : सरकारी कर्मचारियों के तबादलों से हटेगी रोक! भजनलाल सरकार ले सकती है ये बड़ा फैसला | जल्द ही बड़ी खुशखबरी : सरकारी कर्मचारियों के तबादलों से हटेगी रोक! भजनलाल सरकार ले सकती है ये बड़ा फैसला | गाजियाबाद में पड़ोसी ने युवती के साथ किया दुष्कर्म, आरोपी गिरफ्तार | मदरसे में 7 साल के बच्चे की संदिग्ध हालत में मौत, गुस्साए लोगों ने किया हंगामा | रक्षाबंधन पर भाई ने उजाड़ दिया बहन का सुहाग, दोस्त के साथ मिलकर की बहनोई की हत्या, आरोपी गिरफ्तार | गाजियाबाद में नामी स्कूल की शिक्षिका को प्रेम जाल में फंसा कर धर्मांतरण के लिए किया मजबूर, आरोपी गिरफ्तार | यूपी टी-20 प्रीमियर लीग के उद्घाटन समारोह के लिए सीएम योगी को मिला आमंत्रण |