अजमेर. अजमेर की पोक्सो कोर्ट ने मंगलवार को 16 साल की नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में फैसला सुनाया। न्यायाधीश ने 25 गवाह और 42 दस्तावेज के आधार पर आरोपी को 10 साल कठोर कारावास और 60 हजार का आर्थिक दंड लगाया। वहीं, आरोपी का सहयोग करने वाले उसके सहयोगी को न्यायाधीश ने बरी बकर दिया है। जज ने अपने फैसले में कहा कि आरोपी के प्रति नरमी बरतना उचित नहीं है। विशेष लोक अभियोजक विक्रम सिंह शेखावत ने बताया कि 22 अक्टूबर 2020 को परिवादी ने अरांई थाने में शिकायत देकर बताया कि उसकी नाबालिग बच्ची को एक व्यक्ति बहला-फुसलाकर ले गया है। इसके साथ ही घर से 10 हजार रुपए नगदी और जेवरात भी गायब है। जिसके बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर 8 नवंबर 2020 को नाबालिग को दस्तयाब किया। पीड़िता ने पूछताछ में अपने साथ दुष्कर्म होना बताया। पुलिस ने पूछताछ के बाद 24 नवंबर 2020 को मुख्य आरोपी व उसके साथी को गिरफ्तार कर लिया। विशिष्ट लोक अभियोजक शेखावत ने बताया कि मंगलवार को पॉक्सो कोर्ट 2 के न्यायाधीश ने मामले में 25 गवाह और 42 दस्तावेज के आधार पर फैसला सुनाते हुए आरोपी को 10 साल कठोर कारावास और 60 हजार का आर्थिक दंड लगाया। इसके साथ ही आरोपी के सहयोगी को न्यायाधीश ने बरी कर दिया है। जज ने अपने फैसले में कहा कि देश में बढ़ रहे अपराधों को ध्यान में रखते हुए आरोपी के प्रति नरमी बरतना उचित नहीं है।
All Rights Reserved & Copyright © 2015 By HP NEWS. Powered by Ui Systems Pvt. Ltd.