जयपुर. कांग्रेस को मल्लिकार्जुन खड़गे के रूप में नया राष्ट्रीय अध्यक्ष मिल गया है। कांग्रेस के 137 साल के इतिहास में खड़गे चुनाव से निर्वाचित चौथे राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। जगजीवन राम के बाद खड़गे कांग्रेस के दूसरे दलित नेता हैं जो राष्ट्रीय अध्यक्ष बने हैं। खड़गे के अध्यक्ष बनने से राजस्थान की संगठनात्मक राजनीति पर कितना असर पड़ेगा यह तो उनकी आगे की वर्किंग बताएगी। मगर राजस्थान की दलित सीटों पर खड़गे के अध्यक्ष बनने का असर देखने को मिलेगा। दो महीने पहले जब द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति बनाया गया तो यह माना गया कि इससे राजस्थान सहित अन्य राज्यों के आदिवासी वोटर्स पर बीजेपी प्रभाव डालेगी। अब ऐसा ही खड़गे के कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने पर दलित वर्ग को लेकर संभावना जताई जा रही है। यह इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाता है कि राजस्थान में लगभग 17 प्रतिशत दलित आबादी है। खास बात ये है कि राजस्थान की दलित सीटों पर कांग्रेस मजबूत है। ऐसे में खड़गे के अध्यक्ष बनने के बाद कांग्रेस इन सीटों पर और मजबूत होने की उम्मीद कर रही है। राजस्थान के 27 जिलों में 34 एससी रिजर्व सीटें हैं। ऐसे में खड़गे के बूते कांग्रेस राजस्थान में पार्टी को मजबूत करने की तैयारी करेगी। इनमें जयपुर जिले में चाकसू, दूदू, बगरू की 3 सीटें एससी रिजर्व हैं। नागौर में जायल और मेड़ता, जोधपुर में भोपालगढ़ और बिलाड़ा, गंगानगर में अनूपगढ़ और रायसिंहनगर, भरतपुर में बयाना और वैर और अलवर में कठ्ठुमर और अलवर ग्रामीण में 2-2 एससी सीटें हैं। इसके अलावा अजमेर दक्षिण, बारां-अटरू, चौहट्टन, शाहपुरा, खाजूवाला, कपासन केशवरायपाटन, सुजानगढ़, सिकराय, बासेरी, पीलीबंगा, जालौर, डग, पिलानी, हिंडौन सिटी, रामगंज मंडी, सोजत, धौद, रेवदर, निवाई और खंडार सीटें एससी रिजर्व सीटें हैं।
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