जोधपुर. राजस्थान के जोधपुर में चार साल की एक मासूम के साथ दुष्कर्म के मामले में पॉक्सो कोर्ट ने महज 53 दिन में ही मामले की सुनवाई कर सजा सुना दी है. विशेष अदालत ने 25 वर्षीय आरोपी को आखिरी सांस तक जेल में रखने का आदेश दिया है. मामले की सुनवाई पॉक्सो कोर्ट के विशेष न्यायाधीश अनिल आर्य की अदालत में हुई. अपना फैसला लिखते हुए अदालत ने कहा कि इस देश में कन्या की देवी के रूप में पूजा की जाती है. ऐसे में यह अपराध किसी हाल में स्वीकार्य नहीं है. केस डायरी के मुताबिक यह वारदात 6 जुलाई 2022 को बालेसर थाना क्षेत्र की है. वारदात के वक्त चार साल की मासूम को घर के सामने खाट पर सुलाकर उसके माता पिता पास के ही खेतों में काम कर रहे थे. इसी दौरान आरोपी सुमेरा राम आया और मासूम को अकेला देखकर उसके साथ दुष्कर्म किया. बच्ची के चींखने चिल्लाने पर पहुंचे आसपास के लोगों को देखकर आरोपी बच्ची को छोड़ कर भाग गया. आनन फानन में बच्ची को बालेसर के प्राथमिक उपचार केंद्र ले जाया गया, जहां से डॉक्टरों ने उसकी हालत को देखते हुए जोधपुर के लिए रैफर कर दिया. अदालत में चार्जशीट आने के साथ ही विशेष न्यायाधीश ने मामले को प्राथमिकता में रखते हुए त्वरित सुनवाई शुरू की. इस दौरान आरोपी के वकील ने कोर्ट से खूब गुहार लगाई कि आरोपी का कोई पुराना आपराधिक रिकार्ड नहीं है. यह उसका पहला अपराध है. वकील ने उसकी आर्थिक स्थिति का भी हवाला दिया, लेकिन कोर्ट ने बचाव पक्ष की कोई बात नहीं सुनी. कहा कि इस देश में कन्या देवी की तरह पूजी जाती है. ऐसे में इस अपराध में किसी तरह की माफी की उम्मीद नहीं होनी चाहिए. शासकीय अधिवक्ता ने भी अदालत से आरोपी के खिलाफ मौत की सजा सुनाने की मांग की थी.
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