भोपाल. आपको बता दे की राजधानी की जर्जर सड़कों के मुद्दे पर गुरुवार को PWD और नगर निगम के अफसरों की बड़ी मीटिंग होगी। अफसर सड़कों के रेस्टोरेशन का प्लान बनाएंगे। गड्ढों और धूल में गायब हो चुकी शहर की करीब 50% सड़कों को लेकर CM शिवराज सिंह चौहान भी अपनी नाराजगी जता चुके हैं। सीएम ने अफसरों को जर्जर सड़कों की तस्वीर बदलने के लिए 15 दिन का अल्टीमेटम दिया है। शहर का ऐसा कोई इलाका नहीं है, जहां लोगों का गड्ढों में गायब हुई सड़कों से सामना न होता हो। सीएम भी शहर की सबसे व्यस्त सड़कों में से एक हमीदिया रोड से गुजरे थे और उन्हें भी गड्ढों-धूलभरी सड़क से गुजरना पड़ा था। भारत टॉकीज से लेकर शाहजहांनाबाद तक करीब चार किलोमीटर लंबी यह सड़क पिछले चार महीने से जर्जर हालत में है। बारिश के दिनों में कीचड़ और बड़े-बड़े गड्ढे हो गए थे, तो अब धूल के गुबार उड़ रहे हैं। मुख्यमंत्री चौहान ने एक दिन पहले बुधवार को वीडियो कॉन्फेंसिंग के जरिए अफसरों की मीटिंग बुलाई थी और जमकर फटकारा था। उन्होंने कहा था कि मैं कल अचानक भोपाल की सड़कों पर निकला। हमीदिया रोड से शाहजहानाबाद होते हुए गुजरा। मुझे कल्पना नहीं थी कि सड़कों की हालत इतनी ज्यादा खराब होगी। ये रोड किसके पास है। PWD और आप लोग यह बताएं कि सड़कों की जब राजधानी में इतनी दुर्गति है तो बाकी जगह क्या हालत होगी। अखबार गड्ढों की खबरों से भरे पड़े हैं। क्या मैं रोज गड्ढों की खबरें ही पढ़ता रहूं, ऐसा थोड़ी चलेगा। हम अकर्मण्य क्यों हैं, समय पर काम शुरू क्यों नहीं करते। कुछ दिक्कत है तो मुझसे कहो। यह मुझे ठीक नहीं लगा। 15 दिन बाद उन्हीं सड़कों पर फिर निकलूंगा।' राजधानी में नगर निगम की 3879 किलोमीटर, पीडब्ल्यूडी की 531 किलोमीटर, बीडीए की 150 किलोमीटर और CPA (राजधानी परियोजना प्रशासन) की 132 किलोमीटर सड़कें हैं। सीपीए इसी साल 31 मार्च को बंद हो चुका है और इसकी सड़कें पीडब्ल्यूडी को सौंपी गई हैं। सीपीए के बंद होने की वजह से भी सड़कें खराब हैं। पिछले साल सड़कों की स्थिति की समीक्षा करते समय CM शिवराज सिंह चौहान ने इसे बंद करने के निर्देश दे दिए थे। करीब छह महीने की लंबी प्रोसेस के बाद सीपीए हमेशा के लिए बंद कर दिया गया।
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