उत्तर प्रदेश. वाराणसी-ज्ञानवापी परिसर से संबंधित मुकदमे में ऑर्डर को अगली तारीख के लिए टाल दिया गया। फैसले के लिए अगली तारीख 17 नवंबर 2022 तय हुई। कोर्ट का कहना है कि ऑर्डर तैयार करने में समय लग रहा है। इससे पहले इस मुकदमे की सुनवाई 8 नवंबर को ही होनी थी। मगर, कोर्ट के पीठासीन अधिकारी के छुट्टी पर होने की वजह से 14 नवंबर की अगली डेट फिक्स कर दी गई थी। यह मुकदमा विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह विसेन की पत्नी किरन सिंह विसेन और अन्य की ओर से दाखिल किया गया है। कोर्ट में हिंदू और मुस्लिम पक्ष अपनी बहस पूरी कर उसकी लिखित प्रति दाखिल कर चुके हैं। जितेंद्र सिंह विसेन ने कहा है कि ज्ञानवापी परिसर से संबंधित वे सभी मुकदमे जो वाराणसी जिला न्यायालय में हमारी देखरेख में चल रहे हैं, उनकी पैरवी के लिए केवल तीन ही अधिकृत अधिवक्ता नियुक्त किए गए हैं। उन तीनों अधिवक्ताओं के नाम मान बहादुर सिंह, अनुपम द्विवेदी और शिवम गौर हैं। इन तीनों अधिवक्ताओं के अतिरिक्त यदि कोई भी खुद को विश्व वैदिक सनातन संघ के द्वारा संचालित मुकदमों में स्वयं को अधिवक्ता बताता या दर्शाता या लिखता है तो वह पूर्ण रूप से फर्जी है। वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद का विवाद अभी थमा भी नहीं था कि अब मथुरा में श्री कृष्ण जन्म भूमि के परिसर में स्थित मस्जिद के भी सर्वे कराए जाने की याचिका अदालत पहुंच गई है। उधर ताजमहल के भी शिव मंदिर तेजो महालया होने के दावे को लेकर याचिका दायर की गई है। इस बीच हिंदू संगठनों के कुछ कार्यकर्ताओं ने दिल्ली में कुतुब मीनार के पास हनुमान चालीसा का पाठ करते हुए इसका नाम बदलकर विष्णु स्तंभ किए जाने की मांग की
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