उदयपुर. अहमदाबाद-उदयपुर रेलवे ट्रैक पर ओडा के समीप हुए विस्फोट के मामले की जांच और तेज कर दी गई है. इस केस को लेकर सोमवार को आईबी के ज्वाइंट डायरेक्टर सहित एनआईए, एनएसजी, एटीएस, (IB, NIA, ATS) रेलवे पुलिस और स्थानीय पुलिस की टीमों ने मौके से साक्ष्य जुटाए. इस दौरान तमाम सुरक्षा एजेंसियों के बड़े अधिकारी भी मौके पर मौजूद रहे. घटना की तह में जाने के लिए इलाके के कौने-कौने की गहन जांच पड़ताल की गई. उसके बाद अब मौके से साक्ष्य जुटाने की कार्रवाई लगभग पूरी हो चुकी है. सुरक्षा एजेंसियां अब आरोपियों की सरगर्मी से तलाश कर रही है. इस मामले को लेकर उदयपुर के जावर माइंस थाने में एफआईआर दर्ज की गई है. इसमें रेलवे एक्ट 1989 की धारा 150,151 और 285 भादसं, सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम 1984 की धारा 3, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम 1908 की धारा 3(ए) और विधि विरुद्ध क्रिया कलाप (निवारण) अधिनियम 1967 की धारा 16 और 18 में मुकदमा दर्ज किया गया है. पुलिस के अनुसार उदयपुर-अहमदाबाद नए रेलवे ट्रैक पर विस्फोट कर एक बड़ी साजिश को अंजाम देने की कोशिश की गई थी. आपको बता दे की गनीमत रही कि कोई बड़ी जनहानि से होने पहले ही सतर्कता दिखाते हुए ट्रेनों के आवागमन को रोक दिया गया था. फिलहाल रेलवे प्रबंधन ने ट्रैक को दुरुस्त कर दिया है और सोमवार सुबह से ही आम ट्रेनों के लिए उसे खोल दिया गया है. लेकिन जावर माइंस थाने में दर्ज कराई गई एफआईआर में रेलवे ने माना है कि जिस तरह का विस्फोट किया गया यह देश की सुरक्षा को खतरे में डालकर आतंक फैलाने और जनहानि के उद्देश्य से किया गया है.
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