उदयपुर. ओड़ा में रेल्वे ब्रिज पर ब्लास्ट करने के मामले में एटीएस ने साजिश रचने के आरोप तें तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपी स्थानीय ग्रामीण हैं। एटीएस ने तीनों को अरेस्ट कर लिया है। बाकी आरोपियों की तलाश में दबिश दी जा रही है। एटीएस—एसओजी ने पूरी घटना का खुलासा कर दिया है। अब तक की पूछताछ में आरोपियों ने जमीन अधिग्रहण का पैसा नहीं मिलने को लेकर ब्लास्ट करने की बात कबूली है। एटीएस एसओजी नक्सली घटना कि एंगल से भी जांच कर रही थी, लेकिन अब पूरा मामला ही बदल गया है। स्थानीय ग्रामीण रेल्वे ब्रिज बनने के समय जमीन अधिग्रहण का पैसा नहीं मिलने से नाराज थे।जानकारी के अनुसार 12 नवंबर शनिवार की रात करीब 11 बजे उदयपुर-अहमदाबाद रेलवे लाइन पर बने ट्रैक पर अज्ञात लोगों ने ब्लास्ट कर दिया। इससे पटरियों पर क्रैक आ गया। मौके पर बारूद भी मिला है। बदमाशों की साजिश पुल को उड़ाने और रेलवे ट्रैक को बर्बाद करने की थी। धमाके से चार घंटे पहले ही इस ट्रैक से ट्रेन गुजरी थी। घटना के बाद अहमदाबाद से उदयपुर आ रही ट्रेन को डूंगरपुर में रोक दिया गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 31 अक्टूबर को ही इस लाइन का लोकार्पण किया था। पूछताछ में सामने आया कि तीन आरोपियों ने की उदयपुर-अहमदाबाद रेलवे लाइन के पास जमीन थी। इस ट्रैक के बनने के दौरान इन तीनों की जमीन अधिग्रहण की थी। इस दौरान इन्हें मुआवजा भी कम मिला था। इसी के बाद से ये नाराज चल रहे। इसका बदला लेने के लिए तीनों ने ट्रैक उड़ाने की साजिश रची थी। इस घटना के बाद से तीनों आरोपी मोबाइल बंद कर उदयपुर के सविना में छिपे थे। आपको बता दे की घटना उदयपुर से करीब 35 किलोमीटर दूर सलूम्बर मार्ग पर केवड़े की नाल में ओढ़ा रेलवे पुल की है। जहां ग्रामीणों को शनिवार रात 10 बजे के आसपास धमाके की आवाज सुनाई दी। इसके बाद कुछ युवा तुरंत पटरी पर पहुंचे। उन्होंने देखा कि रेलवे लाइन पर बारूद पड़ा है। पटरियां कई जगह से टूट चुकी थीं। पुल पर लाइन से नट-बोल्ट भी गायब मिले। ट्रैक पर लोहे की पतली चादर भी उखड़ी हुई मिली। यह हालत देखकर ग्रामीणों ने तुरंत हादसे की सूचना रेलवे अधिकारियों को दी। इसके बाद ट्रैक पर यातायात रोका गया। अगर उस ट्रैक पर कोई ट्रेन आ जाती, तो कई लोगों की जान खतरे में पड़ सकती थी।
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