जयपुर. प्रदेश कांग्रेस सरकार की चौथी वर्षगांठ से पहले बीजेपी ने अब हिन्दुओं के साथ हो रही घटनाओं को मुद्दा बनाकर प्रदेश की गहलोत सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा राजसमंद के देवगढ़ में पुजारी को जिन्दा जलाना सीएम और गृहमंत्री पर सवाल खड़े करता है। दिल्ली में श्रद्धा के टुकड़े-टुकड़े कर हत्याकांड करने और लव जेहाद को गहलोत का घटना-दुर्घटना बताना तुष्टिकरण की पराकाष्ठा है। पुजारियों पर लगातार हो रहे हमले, धर्मांतरण की घटनाओं पर भी बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष ने प्रदेश कांग्रेस सरकार पर तीखा हमला बोला है। सतीश पूनिया ने कहा राजसमंद के देवगढ़ की घटना ने एक बार फिर से सभी को उद्वेलित कर दिया है। राजस्थान में माफिया और बदमाशों का आतंक है, यह सब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के राजनीतिक संरक्षण में साफ तौर पर दिखता है कि ऐसी घटनाओं पर वह आंख मूंदकर बैठे हैं। यह मुख्यमंत्री और गृहमंत्री पर सवाल खड़े करता है। जो भारत जोड़ने की बात करते हैं और अपनी कुर्सी को बचाए रखने के लिए सारी बातों को ताक पर रख देते हैं। पूनिया बोले- मुख्यमंत्री कुर्सी बचाने में तो माहिर हैं, लेकिन किसी व्यक्ति की जान बचाने में उनकी कोई रुचि और कमिटमेंट नहीं है। सतीश पूनियां ने मीडिया से बातचीत में कहा- राजसमंद के देवगढ़ के हीरा गांव में पुजारी दंपती को जिंदा जलाया जाना प्रदेश में यह पहली घटना नहीं है। सीधे-सीधे यह राजस्थान के इकबाल से जुड़ी घटना है, जो अपराध की घटनाएं यहां हुईं, उसमें पुजारी को जलाने की एक और घटना जुड़ गई। पुजारी को जिंदा जलाया जाना एक बार फिर कांग्रेस सरकार के सामने सवाल खड़ा कर गया। राजस्थान में ना सड़क पर लोग सुरक्षित हैं, ना घर में सुरक्षित हैं, ना मंदिर में सुरक्षित हैं, ना अस्पताल में सुरक्षित हैं, ना स्कूल में सुरक्षित हैं। राजस्थान की असुरक्षा यहां तक पहुंच गई कि देवी-देवताओं को पूजने वाले पुजारी को इस तरीके से जिंदा जला दिया जाता है। यह सीधे-सीधे राज्य के मुख्यमंत्री और गृहमंत्री पर सवाल खड़े करता है, जो इस समय भारत जोड़ने की बात करते हैं और अपनी कुर्सी को बचाए रखने के लिए सारी बातों को ताक पर रख देते हैं, यह उसी का नतीजा है जो कानून व्यवस्था पिछले 4 सालों में ध्वस्त हुई, उसका रिजल्ट इस बुरे रूप में आया है।
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