जयपुर. जयपुर कलेक्ट्रेट राजस्थान का पहला कलेक्ट्रेट परिसर बन गया है, जहां अब पेपरलेस वर्क शुरू हो गया है। यहां अब सभी फाइलों का संचालन और मूवमेंट अब ई-फाइल सिस्टम के जरिए होगा, जिसमें फिजिकल फाइल न होकर सारा काम ऑनलाइन होगा और ऑनलाइन ही अधिकारियों के सिग्नेचर और टिप्पणिया होगी। इस सिस्टम के शुरू होने से सबसे बड़ा फायदा टाइम बाउंड काम का होगा। इसमें अधिकारी या कर्मचारी ये बहाना नहीं बना सकता है कि फाइल नहीं मिल रही। क्योंकि सारा काम ऑनलाइन होगा और वह किसी भी जगह बैठकर फाइल को अपनी लॉग आईडी से देख सकता है। एसडीएम दिनेश कुमार शर्मा ने बताया कि राजस्थान के 33 जिलों में जयपुर पहला ऐसा कलेक्ट्रेट बन गया है, जहां पेपरलेस वर्क शुरू हुआ है। इस सिस्टम के शुरू होने से न केवल कागज की बचत होगी, बल्कि समय भी बचेगा। यही नहीं कलेक्ट्रेट में फाइलें कहां है, कौन से सेक्शन में पड़ी है। कब से डिस्पोजल नहीं हुई ये सब समस्याएं आगे से नहीं होगी। हर फाइल का एक बार कोड और यूनिक आईडी नंबर जनरेट होगा। इस नंबर और बारकोड से ये पता चल जाएगा कि फाइल कब शुरू हुई और वर्तमान में किस सेक्शन में किस अधिकारी के पास है। कलेक्ट्रेट में अभी इस काम की शुरूआत में अभी दो ही सेक्शन को शामिल किया है, जिसमें एक है संस्थापन और दूसरा है सामान्य शाखा। संस्थापन के काम में कलेक्ट्रेट से जुड़े तमाम अधिकारियों-कर्मचारियों का रिकॉर्ड ऑनलाइन होगा और अब से इनके संबंध में जो भी फाइलें चलेगी वह केवल ऑनलाइन ही चलेगी। इन दो सेक्शन के बाद ज्यूडिशरी से संबंधित काम-काज ऑनलाइन किए जाएंगे।
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