वारिस पंजाब दे (WPD) प्रमुख और खालिस्तान समर्थक नेता अमृतपाल सिंह और उसके सहयोगियों ने असम की डिब्रूगढ़ जेल में भूख हड़ताल शुरू कर दी है. उनकी यह भूख हड़ताल ‘टेलीफोन तक पहुंच न होने और खाने की खराब गुणवत्ता’ को लेकर है. इन सभी को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत डिब्रूगढ़ जेल में बंद किया गया है. यह जानकारी अमृतपाल की पत्नी किरणदीप कौर ने गुरुवार को जेल में अपने पति से मुलाकात के बाद मीडिया को दी. अपने पति के साथ एकजुटता दिखाते हुए किरणदीप ने कहा कि उन्होंने भी भूख हड़ताल शुरू करने का फैसला किया है.
हिन्दुस्तान टाइम्स ने अमृतपाल की पत्नी किरणदीप से फोन पर बातचीत करते हुए एक रिपोर्ट प्रकाशित की है. एचटी की रिपोर्ट के मुताबिक किरणदीप ने कहा, ‘मैं हर हफ्ते अपने पति से मिलने के लिए अमृतसर से डिब्रूगढ़ जेल जाती हूं. आज उनसे मेरी मुलाकात भी हुई. मुलाकात के दौरान पता चला कि अमृतपाल समेत सभी सिख कैदी भूख हड़ताल पर हैं.उनकी हड़ताल के पीछे एक कारण यह है कि पंजाब सरकार द्वारा उन्हें अपने-अपने परिवारों से फोन पर संपर्क करने की अनुमति नहीं दी जा रही है.’
किरणदीप कौर ने हिन्दुस्तान टाइम्स से कहा, ‘यदि उन्हें यह सुविधा (परिवार से फोन से बातचीत की) दी जाए तो जेल में मिलने आने वाले प्रति परिवार के सदस्यों की ₹20000 से ₹25000 तक की राशि बच सकती है. हर परिवार यह खर्च वहन नहीं कर सकता. यह सुविधा उन्हें (कैदियों) को मानसिक रूप से भी फिट रखेगी.’ किरणदीप ने कहा कि इससे बंदियों को उनके कानूनी परामर्श तक पहुंचने में भी बाधा आती है और जेल के अंदर भोजन की गुणवत्ता भी खराब है.
एचटी की रिपोर्ट के मुताबिक अमृतपाल सिंह की पत्नी किरणदीप कौर ने कहा, ‘टेलीफोन सुविधा की कमी के कारण वे अपने कानूनी सलाहकार के साथ बातचीत नहीं कर पाते हैं, जिससे केस लड़ने में समस्या आती है. जेल में खाने की व्यवस्था भी ठीक नहीं है. कभी-कभी चपातियों में तम्बाकू पाया जाता है. खाना भी अच्छी गुणवत्ता का नहीं है, यह भोजन तम्बाकू सेवन करने वालों द्वारा तैयार किया जाता है, जो सिख आचार संहिता के खिलाफ है. ये समस्याएं उनके स्वास्थ्य पर असर डाल रही हैं. सरकार को इन मुद्दों का समाधान करना होगा. वे बुनियादी सुविधाओं की मांग कर रहे हैं, वीआईपी ट्रीटमेंट की नहीं.’
अमृतपाल को 35 दिनों तक फरार रहने के बाद 23 अप्रैल, 2023 को पंजाब पुलिस ने मोगा जिले के रोडे गांव के एक गुरुद्वारे से गिरफ्तार किया था. इसके बाद उन्हें एनएसए के तहत असम की डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल भेज दिया गया था. किरणदीप कौर ने कहा कि वह भी अपने पति के समर्थन में भूख हड़ताल करेंगी. उन्होंने यह भी दावा किया कि जेल में उनके पति और उनके साथियों को भाषाई समस्या आ रही है. जेल प्रशासन और वहां मौजूद कर्मचारी अमृतपाल सिंह की बातें नहीं समझ पाते हैं. किरणदीप ने कहा कि दुभाषिया की अनुपस्थिति के कारण संचार की कमी है. उन्होंने एक इंट्रेप्टर की मांग की, जिससे कम्युनिकेशन आसानी से हो सके.
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