रियल एस्टेट कंपनी सुपरटेक (Supertech) के चेयरमैन आर के अरोड़ा को दिल्ली की एक अदालत ने 10 जुलाई तक ईडी की हिरासत में भेज दिया है. उन पर 1,500 करोड़ रुपये के बैंक लोन की हेराफेरी का आरोप है. ईडी ने उन्हें मंगलवार को गिरफ्तार किया था. मनी लॉन्ड्रिंग केस में अरोड़ा की गिरफ्तारी हुई है. ईडी ने जांच में पाया कि फ्लैट्स के नाम पर सुपरटेक ने बायर्स से काफी पैसे ऐठे, लेकिन फ्लैट नहीं दिए. साथ ही एडवांस लिए गए पैसे और बैंकों के लोन में मिले पैसों का दुरुपयोग भी अरोड़ा ने किया है. 1995 में सुपरटेक लिमिटेड की शुरुआत करने वाले आरके अरोड़ा सफलता की सीढियां जितनी तेजी से चढ़े, उनका पतन भी उस तेजी से ही हो रहा है. सबकुछ जल्दी से पा लेने की उनकी चाहत ही उनके राह का सबसे बड़ा रोड़ा बन गई और नौबत जेल जाने तक की आ गई है.
7 दिसंबर 1995 को अपने कुछ दोस्तों के साथ मिलकर आरके अरोड़ा ने सुपरटेक की नींव रखी. रियल एस्टेट के अलावा उन्होंने सिविए एविएशन, कंसलटेंसी, ब्रोकिंग, प्रिटिग, फिल्म्स, हाउसिंग फाइनेंस, कंस्ट्रक्शन के कारोबार में अपने पैर फैला लिया. इतना ही नहीं सुपरटेक ने कब्रिस्तान बनाने से लेकर बेचने तक के लिए 2006 में कंपनी शुरू कर दी. हालांकि कंपनी का रजिस्ट्रेशन करवाने के बाद कंपनी ने काम कुछ खास नहीं किया था. इसी तरह एविशन सेक्टर में पैर जमाने को उन्होंने जहाज तक खरीद लिया. लेकिन, उनकी योजना सिरे नहीं चढ़ी और जहाज उन्हें वापस देना पड़ा.
आरके अरोड़ा को अपना कारोबार फैलाने की कितनी जल्दी थी, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि कि साल 2016 में उन्होंने 19 कंपनियों का रजिस्ट्रेशन करवाया था. कुल मिलाकर आरके अरोड़ा 34 कंपनियों के मालिक हैं.
1999 में आरके अरोड़ा ने अपनी पत्नी संगीता अरोड़ा के नाम पर सुपरटेक बिल्डर्स एंड प्रमोटर्स प्राइवेट लिमिटेड नाम से कंपनी की शुरू की. देखते ही देखते सुपरटेक का रियल एस्टेट सेक्टर में डंका बजने लगा. कंपनी ने दिल्ली-एनसीआर में कई प्रोजेक्ट शुरू किए और बायर्स को ऑन टाइम फ्लैट हैंडओवर किए. सुपरटेक हिल एस्टेट, सुपरटेक सफारी स्टूडियो, सुपरटेक 27 हाइट्स, सुपरटेक संभव होम्स , सुपरटेक रेनेसा, सुपरटेक द रोमानो, सुपरटेक इको विलेज जैसे प्रोजेक्ट्स में लोगों ने खूब दिलचस्पी दिखाई. लेकिन, सुपरटेक के एक साथ कई सेक्टर में पैर पसारना की कोशिश ने उसके रियल एस्टेट बिजनेस का भी भट्ठा बैठा दिया.
सुपरटेक दिक्कतों का सामना काफी समय से कर रही थी. लेकिन, 2022 आते-आते हालात बहुत खस्ता हो गए. सुपरटेक की रियल एस्टेट कंपनी को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने मार्च , 2022 में बैंकों का 400 करोड़ से ज्यादा का कर्ज न चुकाने पर दिवालिया घोषित कर दिया. सुपरटेक ग्रुप पर बैंकों का भारी कर्ज है. उसके कम से कम 18 प्रोजेक्ट धन के अभाव में पूरे नहीं हो पाए हैं. साथ ही कंपनी ने होम बायर्स से भी एडवांस के रूप में करोड़ों रुपये ले रखें हैं. करीब 20 हजार लोग सुपरटेक से फ्लैट देने की आस लगाए बैठे हैं. अब कंपनी के चेयरमैन पर कानूनी शिकंजा कसने से सुपरटेक ग्रुप की मुश्किलें और बढ़ गई हैं.
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