जयपुर
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज सोमवार को राज्य स्तरीय पालनहार लाभार्थी उत्सव के तहत 6 लाख लाभार्थियों को उनके बैंक खातों में लगभग 88 करोड़ रुपए की राशि डीबीटी के माध्यम से ट्रांसफर की. मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित हुए इस कार्यक्रम में सीएम गहलोत ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से लाभार्थियों से संवाद किया. प्रदेश के जिलों में भी जिला स्तरीय लाभार्थी उत्सव आयोजित किए गए. सभी जिलों के लाभार्थी वीडियो कांफ्रेंस के जरिए राज्य स्तरीय कार्यक्रम से जुड़ें.
इस दौरान सीएम गहलोत ने कहा कि यह योजना पिछली सरकार की है, लेकिन उन्होंने इस पर कुछ काम नहीं किया और मेरी आदत है कि मैं अच्छे काम पकड़ लेता हूं. उन्होंने कहा कि हम किसी भी सरकार की योजना को बंद नहीं करते हैं बल्कि उस योजना को मजबूत करने का काम करते हैं. इसके अलावा सीएम गहलोत ने सीएमआर से राजीव गांधी ग्रामीण एवं शहरी ओलंपिक 2023 की टीशर्ट भी लांच की.
आगे सीएम गहलोत ने कहा कि आज बीजेपी की केंद्र सरकार विश्व गुरू बनने का दंभ भरती है लेकिन अपने घर को संभाले बिना हम विश्व गुरू कभी नहीं बन सकते हैं. उन्होंने कहा कि पहले देश के गरीबों और बच्चों को ऊपर उठाना होगा और सामाजिक सुरक्षा कानून के बिना हम कभी विश्व गुरू नहीं बन सकते हैं. उन्होंने एक बार फिर केंद्र सरकार से सामाजिक सुरक्षा कानून लाने की मांग की.
गहलोत ने कहा कि मेरे दोनों पैरों में चोट लग गई जिसके पीछे भी मैं ये मानता हूं कि इसके पीछे भगवान ये चाहता होगा कि मैं थोड़े दिन आराम करूं. इस दौरान उन्होंने कहा कि मेरे छल्ला भी डल गया, निमोनिया भी हो गया और पैर फ्रैक्चर भी हो गया.. लेकिन सेवा करता रहूंगा. आगे कहा कि जिस तरह से पिछले दिनों मैं बिना आराम किए लगातार दौरे कर रहा था तो भगवान ने चाहा है कि अब थोड़ा आराम करूं.
उल्लेखनीय है कि प्रदेश में अनाथ, देखरेख व संरक्षण की श्रेणी में आने वाले बालक और बालिकाओं के परिवार के अंदर ही समुचित देखरेख, संरक्षण एवं शिक्षा सुनिश्चित हो सके, इसकेलिए पालनहार योजना संचालित है. योजना के तहत इन बच्चों का पालन-पोषण करने वाले व्यक्ति को बच्चों की शिक्षा, खाने-पीने और कपड़ों की व्यवस्था के लिए प्रतिमाह आर्थिक सहायता दी जाती है.
पालनहार योजना में अनाथ बच्चे, न्यायिक प्रक्रिया से मृत्यु दण्ड/आजीवन कारावास प्राप्त माता/पिता के बच्चे, पेंशन प्राप्त कर रही विधवा माता के बच्चे, पुनर्विवाहित विधवा माता के बच्चे, एच.आई.वी./एड्स से पीड़ित माता/पिता के बच्चे, कुष्ठ रोग से पीड़ित माता/पिता के बच्चे, नाता जाने वाली माता के बच्चे, विशेष योग्यजन माता/पिता के बच्चे, पेंशन प्राप्त कर रही तलाकशुदा/परित्यक्ता महिला के बच्चे, सिलिकोसिस पीड़ित माता/पिता के बच्चे पात्र होते हैं.
इस योजना में 0 से 6 वर्ष के उम्र के बच्चों के लिए ₹500 दिए जाते थे, लेकिन अब ₹500 के स्थान पर अब ₹750 दिए जाएंगे, जबकि 6 से 18 वर्ष आयु के बच्चों के लिए हजार रूपये की जगह ₹1500 प्रति माह की राशि दी जाएगी. जुलाई 2023 से इसकी राशि में बढ़ोतरी की गई है. इस योजना के तहत बच्चों के पालन पोषण करने वाले व्यक्ति को बच्चों की शिक्षा खाने-पीने और कपड़ों की व्यवस्था के लिए यह आर्थिक सहायता दी गई है. वहीं इस योजना के तहत कपड़े, स्वेटर और जूतों के लिए हर साल ₹2000 अतिरिक्त दिए जाते हैं. इसके लिए एक जरूरी शर्त भी है. शर्त के तहत बच्चों का आंगनबाड़ी या विद्यालय जाना जरूरी है.
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