गहलोत ने मुख्यमंत्री निवास पर राज्य स्तरीय लाभार्थी संवाद समारोह में कहा कि विभिन्न श्रेणियों में लाभार्थियों को सहायता पहुंचाई जा रही है। सहायता राशि बढ़ाने से लगभग 300 करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार आएगा। उन्होंने कहा कि गत सरकार में शुरू पालनहार योजना को बंद करने के बजाय हमने सहायता राशि और श्रेणियों में बढ़ोतरी की है। इससे परिवार में ही बच्चों की समुचित देखरेख, संरक्षण एवं शिक्षा सुनिश्चित हो रही है। ये बच्चे बड़े होकर प्रदेश और देश की उन्नति में अपना अहम योगदान देंगे।
एक भी पात्र बच्चा वंचित नहीं रहे
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह योजना एक अभिनव पहल है। इसे हम और मजबूत बना रहे है। हम सभी की जिम्मेदारी है कि एक भी पात्र बच्चा योजना से वंचित नहीं रहे। उन्होंने लाभार्थियों से संवाद में कहा कि बच्चों के उज्ज्वल भविष्य और सुनहरे सपनों को साकार करने की हम सभी की जिम्मेदारी है। राज्य सरकार इसमें पूरा सहयोग करेगी। उन्होंने कहा कि आमजन बच्चों को महात्मा गांधी राजकीय अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों में पढ़ाए। मुख्यमंत्री अनुप्रति निःशुल्क कोचिंग योजना में तैयारी कराकर उन्हें आगे बढ़ाए। राज्य सरकार द्वारा राजीव गांधी स्कॉलरशिप फॉर एकेडमिक एक्सीलेंस योजना के जरिए होनहार बच्चों को विदेश में अध्ययन करने के लिए भेजा जा रहा है।
सामाजिक सुरक्षा कानून लागू करें प्रधानमंत्री
गहलोत ने कहा कि पूर्ववर्ती केंद्र सरकार ने खाद्य, रोजगार, शिक्षा और सूचना का अधिकार पूरे देश में एक समान लागू किया। उसी तरह हमने राजस्थान में सामाजिक सुरक्षा पेंशन के तहत न्यूनतम एक हजार रुपए का प्रावधान किया है। अब केंद्र सरकार भी पूरे देश में सामाजिक सुरक्षा कानून लागू कर जरूरतमंदों को आर्थिक सम्बल प्रदान करें। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य के अधिकार (आरटीएच) से प्रदेशवासियों के स्वास्थ्य की जिम्मेदारी ली है। इसे और मजबूत करेंगे।
मुख्यमंत्री का लाभार्थियों से संवाद
मुख्यमंत्री ने विभिन्न जिलों के बच्चों से उनके भविष्य को लेकर संवाद किया। मुख्यमंत्री ने सभी बच्चों की भावनाओं पर उन्हें प्रोत्साहित कर कहा कि आप पढ़ाई करें। आपके सपनों को पूरा करने में सरकार कोई कमी नहीं रखेगी। वहीं, लाभार्थियों ने जनकल्याणकारी योजनाओं और पालनहार योजना में बढ़ी हुई राशि सीधे खातों में पहुंचाने के लिए मुख्यमंत्री का आभार जताया। श्री गहलोत ने कहा कि महंगाई राहत कैम्पों में भी पंजीयन कराकर योजनाओं का लाभ लें।
बच्चों के सपने, मुख्यमंत्री का आशीर्वाद
- ‘पालनहार योजना से प्राप्त राशि से काफी मदद मिली है। जेईई की तैयारी कर रही हूं, इंजीनियर बनना है।‘- नेहा, चूरू
- ‘मुझे आईएएस बनना है। आपके प्रोत्साहन से हर बच्चे को संबल मिला है। यह निरंतर मिलता रहेगा।‘- आयुषी, हनुमानगढ़
- ‘कक्षा 9वीं में पढ़ रही हूं। बड़े होकर जज बनकर लोगों की सेवा करनी है।‘- आरूषी केडिया, सवाई माधोपुर
पालनहारों ने कहा, योजना से मिली राहत
- ‘तीन बच्चों की पढ़ाई और पालन-पोषण में मदद मिली है। मुझे स्कूटी का लाभ भी मिला। इसके लिए आपका धन्यवाद।‘- असलम हुसैन, कोटा
- ‘योजना में सहायता राशि में बढ़ोतरी से राहत मिली है। इससे बच्चों का भविष्य उज्ज्वल बनेगा। जनकल्याणकारी योजनाओं से हर वर्ग लाभान्वित हो रहा है।‘- कविता मीणा, दौसा
- ‘पालनहार सहित सभी योजनाओं से हम लाभान्वित हुए है। बच्चों को आपसे प्रोत्साहन मिलता है। वे भी आपकी तरह जनसेवा करना चाहते है।‘- गंगा बाई उदयपुर, मंजू देवी, सीकर
समारोह में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री टीकाराम जूली ने कहा कि इस योजना के जरिए लगभग 6 लाख बच्चों का पालन-पोषण किया जा रहा है। राज्य सरकार ने इस वर्ग की पीड़ा को समझते हुए सहायता राशि में बढ़ोतरी की है।
समारोह में नगरीय विकास एवं आवासन मंत्री शांती कुमार धारीवाल, कृषि मंत्री लालचंद कटारिया, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री डॉ. महेश जोशी, सार्वजनिक निर्माण मंत्री भजन लाल जाटव, युवा मामले एवं खेल राज्य मंत्री अशोक चांदना, राजस्थान राज्य केशकला बोर्ड के अध्यक्ष महेन्द्र गहलोत, राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्षा संगीता बेनीवाल, ओबीसी वित्त एवं विकास कॉर्पाेरेशन के अध्यक्ष पवन गोदारा, विधायक गंगा देवी, आलोक बेनीवाल, नरेंद्र बुड़ानिया, सामाजिक कार्यकर्ता निखिल डे, मुख्य सचिव उषा शर्मा, पालनहार के लाभार्थी सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सभी जिलों से लाभार्थी, जनप्रतिनिधि और जिला प्रशासनिक अधिकारी जुड़े।
पालनहार योजना की पात्र श्रेणियां
अनाथ बच्चे, न्यायिक प्रक्रिया से मृत्यु दण्ड, आजीवन कारावास प्राप्त माता-पिता के बच्चे, पेंशन प्राप्त कर रही विधवा माता के बच्चे, पुनर्विवाहित विधवा माता के बच्चे, एच.आई.वी.एड्स से पीड़ित माता-पिता के बच्चे, कुष्ठ रोग से पीड़ित माता-पिता के बच्चे, नाता जाने वाली माता के बच्चे, विशेष योग्यजन माता-पिता के बच्चे, पेंशन प्राप्त कर रही तलाकशुदा अथवा परित्यक्ता महिला के बच्चे, सिलिकोसिस पीड़ित माता-पिता के बच्चे योजना की पात्रता रखते है।
अनुदान राशि का प्रावधान
अनाथ श्रेणी के 0-6 आयु वर्ग के बच्चों के लिए 1500 रुपए प्रतिमाह और 6-18 आयु वर्ग तक के बच्चों के लिए 2500 रुपये प्रतिमाह अनुदान राशि दी जाती है। राज्य सरकार की बजट घोषणा 2023-24 के अनुसार पालनहार योजना में अनाथ श्रेणी के अतिरिक्त अन्य श्रेणी के 0 से 6 वर्ष उम्र के बच्चों के लिए 750 रुपए प्रतिमाह और 6 से 18 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों के लिए 1500 रुपए प्रतिमाह सहायता राशि दी गई। साथ ही कपड़े, स्वेटर, जूते आदि के लिए हर वर्ष 2000 रुपये अतिरिक्त दिए जा रहे है (विधवा और नाता श्रेणी को छोड़कर)। इस योजना में बच्चों का आंगनबाड़ी या विद्यालय जाना अनिवार्य है।
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