जहाजपुर (आज़ाद नेब) क्षेत्र के पालनहार योजना के लाभार्थी आज भीलवाड़ा रवाना हुए वहां पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत उनसे संवाद करेंगे। समाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की अधिकारी नीलू जैन ने बताया कि पालनहार योजना में उन बच्चों को शामिल किया जाता है जिनके माता-पिता न्यायिक प्रक्रिया से मृत्यु दण्ड/ आजीवन कारावास प्राप्त माता-पिता की संतान, निराश्रित पेंशन की पात्र विधवा माता की अधिकतम तीन संताने, नाता जाने वाली माता की अधिकतम तीन संताने, पुर्नविवाहित विधवा माता की संतान, एड्स पीड़ित माता/पिता की संतान, कुष्ठ रोग से पीडित माता/पिता की संतान, विकलांग माता/पिता की संतान, तलाकशुदा/परित्यक्ता महिला की संतान का पालन-पोषण और देखभाल पर उम्र के अनुसार अनुदान राशि प्रदान की जाती है. 0-6 वर्ष आयु पूरी करने पर 750 रुपए और 6-18 वर्ष आयु पूरी करने पर 1500 रुपए हर महीने मिलेगा। महिला एवं बाल विकास परियोजना अधिकारी शंकर लाल बैरवा ने बताया कि पालनहार योजना के लाभार्थियों को लाभार्थी संवाद कार्यक्रम के लिए भीलवाड़ा बस के माध्यम से ले जाया गया है। इनको आने जाने एवं देखरेख की ज़िम्मेदारी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को दी गई है। गौरतलब है कि पालनहार योजना को 8 फरवरी 2005 को राजस्थान में लागू किया गया था। यह योजना शुरूआत में अनुसूचित जाति के अनाथ बच्चों के लिए चलाई गई थी। पालनहार योजना को राजस्थान सरकार द्वारा आरंभ किया गया है। इस योजना के माध्यम से अनाथ बच्चों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। 5 वर्ष तक की आयु के बच्चों को 500 रूपए प्रति माह एवं स्कूल में प्रवेश लेने के बाद 18 वर्ष की आयु तक के बच्चों को प्रतिमाह 1000 रूपए की अनुदान राशि प्रदान की जाती थी लेकिन अब 6 वर्ष तक की आयु के बच्चों को प्रति महा 500 रुपए की जगह 750 रुपए प्रतिमाह दिए जाएंगे। जबकि 6 से 18 वर्ष तक की आयु वाले बच्चों को 1000 रुपए की जगह 1500 रुपए दिए जाएंगे। सहायता राशि में यह बढ़ोतर 1 जुलाई 2023 से प्रभावी होगी।
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