दौसा जिले का सबसे बड़ा जिला अस्पताल रामकरण जोशी जिला चिकित्सालय हमेशा सुर्खियों में बना रहता है कभी मरीजों को, कभी इलाज को लेकर आए दिन कुछ ना कुछ पंगे होते ही रहते हैं। कहने को तो यह चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा के गृह जिले का सबसे बड़ा अस्पताल है और चिकित्सा मंत्री ने दोसा जिले में अस्पतालों की बाढ़ तो ला दी। लेकिन इनकी व्यवस्थाओं में कोई सुधार नहीं किया। अस्पतालों में आने वाले मरीजों और उनके परिजन अस्पताल में मंत्री और चिकित्सकों को कोसते नजर आते हैं जिले के हालात सुधरने का नाम नहीं लेते।
सोमवार दौसा जिला अस्पताल में करीब 3 घंटे तक बिजली गुल रही सबसे ज्यादा परेशानी इमरजेंसी वार्ड में हुई। जहां लोग जिंदगी और मौत के बीच लड़ते पहुंचते हैं वहां भी उन्हें मौत के साथ-साथ भीषण उमस भरी गर्मी से लड़ना पड़ा। जिला अस्पताल परिसर में चल रहे मेडिकल कॉलेज के निर्माण में जेसीबी के द्वारा अंडरलाइन बिजली की केबल कट जाने की वजह से जिला अस्पताल में करीब 3 से 3:30 घंटे बिजली गुल रही। जिसके चलते मरीजों का हाल बेहाल हो गया। यहां तक की ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक कर्मि भी पसीना पसीना होते नजर आए। तो वही ट्रॉमा इकाई में आये मरीज और उनके परिजन अस्पताल प्रशासन और मंत्री को कोसते नजर आए। लोगों का कहना है कि बिजली नहीं थी तो वैकल्पिक व्यवस्था तो करनी चाहिए थी। क्योंकि इमरजेंसी में वही लोग अक्सर आते हैं जो जिंदगी और मौत के बीच में लड़ते रहते हैं। मरीजों के परिजन का कहना है कि पता नहीं की मरीज इलाज से मरेगा कि नहीं लेकिन गर्मी से जरूर मर जाएगा। क्योंकि इस भीषण उमस भरी गर्मी में मरीजों के पसीने छूट रहे हैं ऐसे में जिला अस्पताल प्रशासन हाथ पर हाथ लेकिन मरीजों के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं कर सका। ऐसे में जिम्मेदारो पर सवालिया निशान खड़े कर दिए। साथ ही मरीजों के प्रति जिम्मेदार कितनी जिम्मेदारी निभाते है ये तो एक बानगी है। मरीजों के परिजनों का यह भी कहना है कि चिकित्सा मंत्री के गृह जिले के होने का कोई फायदा नहीं मिला। बल्कि हालात बद से बदतर हो गए हैं। एक और सरकार लोगों के स्वास्थ्य के प्रति कितनी कटिबद्ध है उसका दोसा जिला अस्पताल जीता जागता सबसे बड़ा उदाहरण है आखिर जिला अस्पताल के हालात में कब होगा सुधार यहआने वाला वक्त बतायेगा पर अस्पताल की बिजली गुल से बरहाल हल बेहाल जरीर हो गए है।
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