भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह (Brijbhushan Sharan Singh) के खिलाफ कथित नाबालिग महिला पहलवान द्वारा दायर पॉक्सो केस पर दिल्ली स्थित पटियाला हाउस कोर्ट की पॉक्सो कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई हुई. बंद कमरे में हुई इस सुनवाई में कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की ओर से दायर कैंसिलेशन रिपोर्ट पर पीड़िता के पिता (शिकायतकर्ता) को नोटिस जारी किया. कोर्ट ने शिकायतकर्ता पक्ष से 1 अगस्त को होने वाली अगली सुनवाई से पहले जवाब देने को कहा है.
दरअसल पॉक्सो कोर्ट में एडिशनल सेशल जज छवि कपूर ने दिल्ली पुलिस की कैंसिलेशन रिपोर्ट पर सुनवाई करते हुए कहा कि नाबालिग का पक्ष जानने के बाद ही कोर्ट इस केस को रद्द करने पर फैसला ले सकता है.
दिल्ली पुलिस ने नाबालिग पहलवान से जुड़े इस मामले में 15 जून को अंतिम रिपोर्ट जमा की थी, जिसमें बृजभूषण के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप में दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने का अनुरोध किया गया था. ऐसी रिपोर्ट उन मामलों में दायर की जाती है, जिनमें पुलिस उचित जांच के बाद पुष्ट साक्ष्य ढूंढने में विफल रहती है.
इस मामले में भी पुलिस ने नाबालिग पहलवान द्वारा बृजभूषण के खिलाफ दर्ज कराई गई शिकायत को रद्द करने की सिफारिश करते हुए कहा था कि उसे ‘कोई पुख्ता सबूत नहीं’ मिले. दिल्ली पुलिस की जनसंपर्क अधिकारी (पीआरओ) सुमन नालवा ने इस संबंध में एक बयान जारी कर बताया था कि पॉक्सो (यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण) मामले में शिकायतकर्ता यानी नाबालिग के पिता तथा स्वयं लड़की के बयानों के आधार पर मामले को रद्द करने का अनुरोध करने वाली रिपोर्ट दाखिल की गई.
इस केस में पुलिस बृजभूषण से अब तक दो बार पूछताछ कर चुकी है और दोनों बार उन्होंने अपने खिलाफ लगाए गए सभी आरोपों से इनकार किया है. बृजभूषण ने दावा किया है कि उन्हें झूठे मामलों में ‘फंसाया’ जा रहा है.
बता दें कि महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न का मुद्दा ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगट जैसे प्रतिष्ठित पहलवानों ने उठाया था. बृजभूषण के खिलाफ पहलवानों के प्रदर्शन को कई विपक्षी दलों और किसान संगठनों का समर्थन मिला.
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