शिक्षकाें का मुख्य दायित्व बच्चों के भविष्य का निर्माण करना है। सरकार द्वारा डोर टू डोर नामांकन अभियान के माध्यम से सर्वे करवाया जा रहा है। लेकिन बीएलओ कार्य में लगे हुए शिक्षकों को सरकार की मंशानुरूप नामांकन एवं शैक्षणिक कार्यों में बड़ी बाधा उत्पन्न हो रही है। एक ओर सरकार गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की बात कर रही है, वही एकल विद्यालय शिक्षकों को भी बीएलओ कार्य से राहत नहीं देकर बीएलओ बनाया हुआ है। जिससे नौनिहालों का शिक्षा का सपना अधूरा साबित हो रहा है। ये कहना है राजस्थान शिक्षक संघ एकीकृत धौलपुर का।
संघ के वरिष्ठ प्रदेश महामंत्री चंद्रभान चौधरी ,प्रदेश उपाध्यक्ष गंगाराम गुर्जर, जिला अध्यक्ष भगवान सिंह मीना, वरिष्ठ उपाध्यक्ष भारत गुर्जर की अगुवाई में बीएलओ शिक्षकों को मुक्त करने की मांग को लेकर जिला कलेक्ट्रेट परिसर धौलपुर में बड़ी संख्या में एकत्रित होकर नारेबाजी की एवं आक्रोष जाहिर किया। साथ ही जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपा।
संगठन के पदाधिकारियों ने बताया कि कई शिक्षक ऐसे है जिनको 15 किमी से अधिक की दूरी होने पर भी बीएलओ बना रखा है तथा सरकार के ग्रामीण एवं शहरी ओलंपिक खेलों में लगे हुए शिक्षक बीएलओ एवं खेल की जिम्मेदारी से दोहरी भूमिका निभा रहे हैं। इसके अलावा शिक्षण कार्य भी कर रहे है। जिस कारण वे मानसिक रूप से पीड़ित हैं।
शिक्षक संघ एकीकृत धौलपुर ने मांग की है कि जल्द से जल्द चुरू जिले की तरह अगर शिक्षकों को बीएलओ कार्य से मुक्त नहीं किया गया तो शिक्षक संघ एकीकृत आंदोलन शुरू करेगा।
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