शिवसेना (यूबीटी) पार्टी की पूर्व नेता और विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) नीलम गोरे शुक्रवार को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप-मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस की उपस्थिति में शिवसेना में शामिल हो गईं. महाराष्ट्र विधान परिषद की उपाध्यक्ष गोरे, मनीषा कायंदे और विप्लव बजारिया के बाद पाला बदलने वाली शिवसेना (यूबीटी) की तीसरे एमएलसी बन गई हैं.
यह खबर ऐसे दिन आई है जब शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने कहा कि एकनाथ शिंदे गुट के करीब 17-18 विधायक उनके संपर्क में हैं. संजय राउत ने कल कहा था, ‘हम यह नहीं कह रहे हैं कि वे हमारे पास आ रहे हैं, लेकिन पिछले सप्ताह से उन्होंने अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए हमसे संपर्क किया है. अब भी 4 विधायकों ने मुझे फोन किया. अठारह विधायकों ने संपर्क किया है. ऐसा नहीं है कि वे हमारे साथ शामिल हो गए हैं, निर्णय केवल उद्धव ठाकरे ही ले सकते हैं.’
महाराष्ट्र के उद्योग मंत्री उदय सामंत ने राउत के दावों को खारिज करते हुए कहा कि 6 से 7 शिवसेना (यूबीटी) विधायक उनके संपर्क में हैं और पाला बदलना चाहते हैं. शिवसेना विधायक संजय शिरसाट ने कहा, ‘किसी को संजय राउत को गंभीरता से नहीं लेना चाहिए. वह और विनायक राऊत फर्जी खबरें और अफवाहें फैलाने में माहिर हैं. यदि कोई विधायक आपके संपर्क में है, तो कम से कम एक नाम बताएं.’
नीलम ने कहा कि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना बाला साहेब ठाकरे की विचारधारा को आगे बढ़ा रही है. उन्होंने कहा कि केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार अच्छा काम कर रही है. नीलम गोरे ने जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 का समापन, अयोध्या में राम मंदिर निर्माण, तीन तलाक कानून और प्रस्तावित यूसीसी का उदारण दिया. उन्होंने कहा कि हर किसी की इच्छा थी कि राज्य में शिवसेना और बीजेपी की सरकार बने.
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